उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्देश पर राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा बक्सर के सदर अस्पताल के शिशु गहन चिकित्सा वार्ड को समृद्ध बनाने साथ ही सदर अस्पताल के अन्य विभागों की व्यवस्था सुधारने की पहल शुरू कर दी गई है.
- मौत के बाद भी शिशु के इलाज करने का नाटक किए जाने का लगा था आरोप
- सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर सिखाया जाएगा निजी अस्पतालों को सबक
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर के मां मुंडेश्वरी अस्पताल में पिछले दिनों एक शिशु की मौत के बाद परिजनों ने यह आरोप लगाया था कि मृत शिशु का इलाज किए जाने का नाटक अस्पताल के द्वारा चार दिनों तक किया जाता रहा. स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर लोगों से इस तरह की ठगी ना हो और उन्हें बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मिल सके इसके लिए सूबे की महागठबंधन सरकार ने कमर कस ली है. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्देश पर राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा बक्सर के सदर अस्पताल के शिशु गहन चिकित्सा वार्ड को समृद्ध बनाने साथ ही सदर अस्पताल के अन्य विभागों की व्यवस्था सुधारने की पहल शुरू कर दी गई है. जिसके तहत अस्पताल शिशु गहन चिकित्सा केंद्र का प्रभारी डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव को बनाया गया है. साथ ही साथ ब्रह्मपुर में कार्यरत शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नागेंद्र नाथ को भी बक्सर सदर अस्पताल में पदस्थापित किया गया है.
इसके अतिरिक्त दो नए सर्जन भी सदर अस्पताल में पद स्थापित किए गए जिनमें नावानगर में कार्यरत सर्जन डॉक्टर संजय कुमार तथा राजपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत संजय कुमार पासवान को बक्सर सदर अस्पताल में पदस्थापित किया गया है. माना जा रहा है कि इनके पदस्थापन के पश्चात अब हर तरह की सर्जरी की सुविधा सदर अस्पताल में मिल पाएगी. इसके साथ ही सामान्य चिकित्सा विभाग में डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में कार्यरत डॉ विनीश कुमार को बक्सर के सामान्य चिकित्सा विभाग में पदस्थापित किया गया है. जबकि डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में बक्सर में कार्यरत डॉ राजेश रंजन सामान्य चिकित्सा विभाग में भेजा गया है.
दूसरी बार लगे मौत के बाद भी इलाज करते रहने के आरोप :
दरअसल 25 नवंबर को नगर के बाईपास रोड स्थित मां मुंडेश्वरी अस्पताल में एक शिशु की मौत हो गई थी. जिसके बाद उनके परिजनों ने यह आरोप लगाया था कि शिशु पहले दिन ही मृत था लेकिन उसका इलाज चलता रहा. इसी अस्पताल पर यह आरोप दूसरी बार लगा है. इसके पूर्व वर्ष 2021 के जनवरी माह में सत्येंद्र आजाद नामक राजद नेता के द्वारा यह आरोप इसी अस्पताल पर लगाया गया था. उस वक्त भी उनके द्वारा यह कहा गया था कि चौबीस घंटे तक अस्पताल इसी तरह बच्चे का इलाज करने का नाटक करता रहा. बाद में जब बच्चे को दूसरी जगह ले जाने की कोशिश की गई तो बच्चे को मृत पाया गया.
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