मुनि विश्वामित्र के मन में विचार आया कि भगवान वामन ने भिक्षुक बनकर राजाबली से भिक्षा मांगी थी क्या मांगी थी तो पृथ्वी मांगी थी. ऐसे में मैं पृथ्वी की पुत्री के पति को ही मांग लेता हुँ. ऐसा उनके मन मे विचार आया और अयोध्या चल पड़े.
- सनातन संस्कृति समागम में बह रही है पद्म विभूषण रामभद्राचार्य ने राममय किया कार्यक्रम स्थल
- कहा, अश्विनी चौबे करते हैं बक्सर की चिंता, मैं भी करूंगा सहयोग
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : सनातन संस्कृति समागम के दौरान पद्मविभूषण जगतगुरु रामभद्राचार्य जी महाराज ने राम कथा कहते हुए कहा कि - अहिल्लावली का बिगाड़ा हुआ नाम है अहिरौली. महर्षि विश्वामित्र महामुनी ज्ञानी उन्हें विश्व का मित्र भी कहा गया है. उन्हें पता हो गया था की प्रभु का अवतार हो चूका है. माता अहिल्या के उद्दार और तड़िका का अंत का समय भी आ चूका है. उन्होंने श्री राम को बुलाने के लिए ही यज्ञ का आयोजन किया और भिक्षुक बनकर अयोध्या जाने का निर्णय किया. विश्वामित्र जी के पास अच्छे-अच्छे शस्त्र थे मगर संकल्प के कारण वे शस्त्र का प्रयोग नही कर सकते थे.
मुनि विश्वामित्र के मन में विचार आया कि भगवान वामन ने भिक्षुक बनकर राजाबली से भिक्षा मांगी थी क्या मांगी थी तो पृथ्वी मांगी थी. ऐसे में मैं पृथ्वी की पुत्री के पति को ही मांग लेता हुँ. ऐसा उनके मन मे विचार आया और अयोध्या चल पड़े. स्वामी जी ने कहा कि राजा दशरथ और राजा जनक दोनों शक्तिशाली थे मगर परिवार के कार्य मे लगे थे और जो परिवार के कार्य मे लगे रहेंगे वे राष्ट्र का कार्य सही से नहीं कर सकते है.
प्रभु श्री राम का जन्मभूमि का निर्माण तो हो रहा है अब समय आ गया है कि श्री राम के कर्मभूमि का भी निर्माण होना चाहिए. अश्विनी चौबे जी हमारे मित्र और भाई समान है. बक्सर के लिए चिंता करते रहते है मै भी बक्सर के उथान के लिए हर सम्भव सहयोग करूँगा.
श्रीराम कर्मभूमि न्यास के तत्वावधान में सनातन संस्कृति समागम के संयोजक केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि इस समा गम मे आए हुए सभी अतिथियों, श्रद्धालूओं एवं बक्सर वासियों का मैं आभार व्यक्त करता हूँ. जिन्होंने ने इस आयोजन मे अपना योगदान दे रहे. बक्सर मेरी कर्म भूमि है. इसके सम्मान, विकास और इसका पुराना धार्मिक वैभव दिलाने के लिए मैं रात दिन एक कर दूंगा.
कार्यक्रम मे राजेश प्रताप सिंह, कृष्णानंद शास्त्री, छविनाथ त्रिपाठी, अरुण मिश्रा, प्रदीप राय, अर्जित शाश्वत, परशुराम चतुर्वेदी, अविरल शाश्वत, अनिल स्वामी, पंकज मिश्रा राजेन्द्र सिंह, उपेंद्र भाई त्यागी हिरामन पासवान, निर्भय राय, रामकुमार सिंह राजवंश सिंह,नन्द कुमार तिवारी शम्भु पाण्डेय, पुनीत सिंह, अनुराग श्रीवास्तव, मनोज पाण्डेय, इंद्रालेश पाठक, सुनील सिंह, सौरभ तिवारी, विकास कायस्थ, अक्षय ओझा, गोरेलाल विनय उपाध्याय, संजय दीपक यादव, आशानंद सिंह, पूनम रविदास, इंदु देवी, दुर्गावती चतुर्वेदी, तेजप्रताप सिंह छोटे, अन्नू मिश्रा, विवेक चौधरी, धनंजय राय, दीपक पाण्डेय, ओमजी यादव, राजेश राय, सौरभ चौबे, विनोद राय, राहुल दूबे, धनंजय त्रिगुण, चन्दन पाण्डेय सहित सैकड़ो कार्यकर्त्ता मौजूद रहे.
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