पेरोल से फरार आशीर्वाद मिश्रा दोबारा गिरफ्तार ..

वह अपनी मां के श्राद्ध में शामिल होने के लिए जेल से पेरोल पर छूट कर आया था लेकिन, तय अवधि के बाद भी जब वह न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ तो उसे ढूंढा जाने लगा लेकिन वह नहीं मिला. इसी बीच शुक्रवार को पुलिस के द्वारा एक बार फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.






- कोरान सराय पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था अपराधी 
- 18 से 21 दिसम्बर तक मिला था पेरोल 

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जून 2022 में ठगी के मामले में गिरफ्तार किए गए अपराधी आशीर्वाद मिश्रा को पेरोल से फरार हो जाने के बाद तकरीबन आठ दिनों के बाद पुनः गिरफ्तार कर लिया गया वह अपनी मां के श्राद्ध में शामिल होने के लिए जेल से पेरोल पर छूट कर आया था लेकिन, तय अवधि के बाद भी जब वह न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ तो उसे ढूंढा जाने लगा लेकिन वह नहीं मिला. इसी बीच शुक्रवार को पुलिस के द्वारा एक बार फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.




जानकारी देते हुए कोरान सराय थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि आशीर्वाद मिश्रा के मां के निधन के पश्चात उनके श्राद्धकर्म में शामिल होने के लिए उसे 18 से 21 तक के लिए पैरोल मिली थी लेकिन वह 22 दिसंबर के बाद फरार हो गया. न्यायालय के आदेश की अवमानना के आरोप में उसके विरुद्ध पुनः प्राथमिकी दर्ज की गई है. फिलहाल उसे न्यायालय के आदेशानुसार जेल भेज दिया गया. 

क्या था मामला :

बता दें कि रेंका पांडेयपुर निवासी आशीर्वाद मिश्रा ने अपने ही गांव निवासी एक बुजुर्ग पेंशनर को विश्वास में 27.43 लाख रुपये का उनके विभिन्न खातों से निकाल लिए थे. इसकी भनक खाताधारी और परिवार के लोगों को तब मिली जब वह पासबुक अपडेट कराने कोरानसराय स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शाखा में पहुंचे. बुजुर्ग पेंशनर के तीन खातों से फर्जीवाड़ा कर मोटी रकम निकासी के बाद परिजनों के होश उड़ गए. पूछताछ के बाद पता चला कि एक बुजुर्ग के द्वारा अपने मित्र के पुत्र आशीर्वाद मिश्रा पर भरोसा किया कर उसी के माध्यम से रुपयों की निकासी कराई गई थी, तब से पासबुक उसी के पास रहता है. ऐसे में उसने विश्वासघात करके स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कोरान सराय, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक कोरान सराय और पोस्ट ऑफिस कोरान सराय में तीन खातों से 27,43,603 रुपये अवैध तरीके से निकासी कर ली. बाद में कुछ सामाजिक लोगों की मध्यस्थता के बाद आशीर्वाद ने रुपये लौटाने की बात कही थी लेकिन जब उसने रुपये नहीं लौटाए तो उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराकर उसे जेल भिजवा दिया गया.







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