इन्हें बचपन से ही मातृभाषा हिन्दी से गहरा लगाव रहा है तथा इनके दर्जनों लेख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं. इन्हें लिखने-पढ़ने के अलावा राजनीति में भी गहरी दिलचस्पी है. उनकी इस सफलता से पूरा परिवार झूम उठा है. जबकि ग्रामीणों को भी अपने इस सपूत पर गर्व हो रहा है.
- नया भोजपुर निवासी हैं डा मनोज गुप्ता, बचपन से है मातृभाषा से लगाव
- डुमरांव के राज हाई स्कूल से की थी प्रारंभिक पढ़ाई, फिलहाल दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यरत
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले के नया भोजपुर गाँव निवासी गुलाबचंद्र प्रसाद के पुत्र डॉ. मनोज गुप्ता का चयन पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी, पटना में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है. बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा पिछले दिनों हिंदी विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर के परिणाम घोषित किये गए. जिसमें इन्हें सफलता मिली. फिलवक्त वह दिल्ली विधानसभा में एसोसिएट फेलो के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय में गेस्ट फैकल्टी के तौर पर अध्यापन का भी कार्य कर रहे हैं.
डा मनोज की प्रारंभिक शिक्षा राज हाई स्कूल, डुमराँव से ही पूरी हुई थी, जबकि इन्होंने अपनी ग्रेजुएशन से लेकर पीएचडी तक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से की है. इन्हें बचपन से ही मातृभाषा हिन्दी से गहरा लगाव रहा है तथा इनके दर्जनों लेख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं. इन्हें लिखने-पढ़ने के अलावा राजनीति में भी गहरी दिलचस्पी है. उनकी इस सफलता से पूरा परिवार झूम उठा है. जबकि ग्रामीणों को भी अपने इस सपूत पर गर्व हो रहा है.
माता-पिता और भाई-बहन देते हैं सफलता का श्रेय :
डॉ. मनोज गुप्ता अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और बड़े भाई को देते हैं. इनके पिता गुलाबचंद प्रसाद ने बताया कि मनोज बचपन से ही एक मेधावी और मेहनती विद्यार्थी रहे हैं. उन्हें मातृभाषा हिन्दी व देश से अटूट लगाव है. वहीं, डा मनोज ने कहा कि नई पीढ़ी के छात्रों में मातृभाषा के प्रति अलख जगाना उनकी प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि हमें हिन्दी भाषा पर गर्व होनी चाहिए. यह हमारी मातृभाषा व अस्मिता की पहचान है.
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