कहा कि आंदोलन असल में अब शुरु हुआ है. उसके पहले 88 और 90 दिन जो किसान कर रहे थे, वह आंदोलन नहीं था. उन्होंने कहा कि जब तक लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले ना बरसाए जाए तब तक कोई आंदोलन खड़ा नहीं होता. सीधे तौर पर यह कहा जा सकता है कि बिना शहादत के आंदोलन नहीं होता.
- बक्सर पहुंचे किसान नेता ने किसानों को किया संबोधित
- कहां 4 गुना मुआवजा और विलंब होने पर ब्याज देने का प्रावधान
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : देश स्तर पर किसान आंदोलन चलाने वाले किसान नेता राकेश सोमवार को बक्सर पहुंचे. यहां उन्होंने चौसा में किसानों से जाकर मुलाकात की और कहा कि आंदोलन असल में अब शुरु हुआ है. उसके पहले 88 और 90 दिन जो किसान कर रहे थे, वह आंदोलन नहीं था. उन्होंने कहा कि जब तक लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले ना बरसाए जाए तब तक कोई आंदोलन खड़ा नहीं होता. सीधे तौर पर यह कहा जा सकता है कि बिना शहादत के आंदोलन नहीं होता.
उन्होंने कहा कि देश में जो किसान आंदोलन चल रहा था उसमें तकरीबन सारे 700 किसानों की मृत्यु हुई थी और तकरीबन 10 हज़ार लोगों पर मुकदमा किए गए थे. लेकिन वह आंदोलन सफल रहा और अंत में सरकार को झुकना पड़ा. उन्होंने भाजपा को जालिम बताते हुए कहा कि बिहार की सरकार उन जालिमों से मुक्त हुई है. लेकिन अगर यहां भी किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिलता तो वह इसकी जानकारी लेंगे. उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में जो भूमि अधिग्रहण कानून बना था. उसके अंतर्गत यह कहा गया था कि किसानों को सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा दिया जाएगा. उस हिसाब से किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए. यदि नहीं मिलता तो यह गलत है.
उन्होंने कहा की कोई भी सरकार अथवा उद्योगपति किसानों की जमीन लूटना चाहता है. लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगे. किसानों को 4 गुना के दर से मुआवजा मिले साथ ही अगर विलंब हो रहा है, तो उन्हें इसके एवज में ब्याज भी मिले. उन्होंने कहा कि वह किसान आंदोलन को और भी व्यापक रूप देंगे. उन्होंने कहा कि हर भाई का यह कर्तव्य होता है कि दूसरे भाई के दुख-सुख में शामिल हो. जब उन्हें पता चला कि बक्सर में किसानों पर अत्याचार हुआ है तो वह किसानों से मिलने के लिए आये हैं.
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