मां प्रभावती के द्वारा बचपन में सुनाई गई कहानियों से बालक सुबाष का जीवन तपस्या तरफ झुकने लगा और उनमें देश प्रेम की भावना जागृत होने लगी थी. पिता से वह देश भक्ति के साथ-साथ देश को आगे बढ़ाने के तरीके बचपन से ही घर के माहौल में सीख रहे थे.
- जयंती की पूर्व संध्या पर चौथा में अलग-अलग स्थानों पर आयोजित हुए कार्यक्रम
- शोधकर्ता मनीष कुमार ने सुभाष चंद्र बोस के जीवन के अनछुए पहलुओं से कराया अवगत
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : स्थानीय नगर के अनुराग संगीत महाविद्यालय परिसर में आज सुभाष चंद्र बोस जयंती की पूर्व संध्या पर एक संगीत एवं भाषण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान अतिथि के रूप में मौजूद डॉक्टर सुभाष चंद्र बोस पर शोधकर्ता डॉ मनीष कुमार शशि ने उनके बचपन से लेकर जीवन के अंतिम पड़ाव तक के अनछुए पहलुओं को सभा में साझा किया. सभा में उपस्थित लोग उनके बचपन और जीवन के उच्च मुकाम तक पहुंचने के सफर में बहुत सी जानकारियां से अवगत हुए.
डॉ मनीष ने बताया कि सुभाष चंद्र बोस किस तरह बचपन में ही हुई तपस्या से ओतप्रोत हो चुके थे. मां प्रभावती के द्वारा बचपन में सुनाई गई कहानियों से बालक सुबाष का जीवन तपस्या तरफ झुकने लगा और उनमें देश प्रेम की भावना जागृत होने लगी थी. पिता से वह देश भक्ति के साथ-साथ देश को आगे बढ़ाने के तरीके बचपन से ही घर के माहौल में सीख रहे थे. बालक सुभाष एक दिन देश का भरोसा बन चुके थे. आई सी एस परीक्षा में उन्होंने अपनी प्रतिभा लोहा पूरे विश्व के सामने बनवाया.
शिक्षिक अनुराग मिश्रा ने कहा कि यदि मन में हमने कुछ करने की सोच ली तो एक दिन निश्चित विश्व पटल पर हम वह करके दिखाने में सफल होंगे. इसलिए आप संगीत या अन्य विधा के माध्यम से अपनी प्रतिभा का लोहा पूरे विश्व के सामने दिखाएं. स्थानीय कलाकारों को भी उन्होंने जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत सुभाष चंद्र बोस के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए दीप प्रज्वलन व ईश्वर आराधना के साथ की गई.
कला केंद्र डुमरांव में भी एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ. जिसमें श्रद्धा सुमन अर्पित कर कला केंद्र के सभी शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित हुए कार्यक्रम में सभी लोगों ने वीर सपूत को याद किया एवं उनके द्वारा दी गई सीख को को अपने जीवन में उतारने के लिए भी प्रेरित हुए. कार्यक्रम में शामिल लोगों में केआरपी मीना विश्वकर्मा, शाहिद अंसारी, रंजीत, रूपम दूबे, प्रीतम दूबे, चांदनी, रोशन, राहुल, सूर्यवंशी, सतीश, प्रिंस कुमार, विकास, सूरज, रोशन आदि उपस्थित रहे. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ मनीष कुमार शशि ने किया.
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