बक्सर की बेटी को रिजर्व बैंक ने किया सम्मानित ..

उन्होंने समाज और सरकार से भी लड़कियों के प्रति दृष्टिकोण बदलने की जरूरत बताती हैं. सम्प्रति पटना में रहकर केनरा बैंक और कविता दोनों की सेवा कर रही हैं. अभी हाल ही में राजधानी पटना में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (बैंक और बीमा) पटना की ओर से रिजर्व बैंक ने एक समारोह में उन्हें कविता के लिए प्रथम पुरस्कार दिया है.





- नगपुरा गांव निवासी योगेंद्र चौबे की इकलौती पुत्री हैं सोनी चौबे
- कविता लेखन में मिला है पुरस्कार, पटना केनरा बैंक में हैं अधिकारी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा जब परवान चढ़ा है तो कई बेटियां पढ़-लिखकर सार्वजनिक जीवन में संघर्ष करते हुए कविता लेखन भी कर रही हैं. ऐसे में ही बक्सर जिले के सिमरी प्रखंड के नगपुरा गांव निवासी योगेंद्र चौबे की इकलौती बेटी सोनी चौबे (जो केनरा बैंक की पटना स्थित वरिष्ठ अधिकारी हैं) को उनके कविता को भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रथम पुरस्कार से नवाजा है.

"हाँ मैं, स्त्री हूँ, हाँ मैं स्त्री हूं,
सभ्यता की उत्थान की नायिका,
हर नायक की जननी हूँ मैं,"

लिखने वाली सोनी चौबे पास के बड़का सिंघनपुरा की स्व कृष्णदेव ओझा एवं स्व शान्ति ओझा की छोटी बहू हैं और राकेश कुमार ओझा की पत्नी है. दो बच्चों आदित्य और अद्रित की माँ, श्रीमती चौबे बैंक की व्यस्त सेवाओं में भी लेखन आदि करती रहती हैं. स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर की छात्रा रही सोनी चौबे बेटी बचाओ बेटी पढाओ की नारा बुलंद करते हुए अपनी माँ बाप की इकलौती संतान है.

आरंभ में ही माँ प्रमिला चौबे का साया उनके सिर से उठ जाने के बाद वह कई संघर्षों, विषम परिस्थितियों से जूझती हुई लेखन कार्य कर रही हैं. वह बताती है कि मध्यमवर्गीय परिवारों में अभी भी महिला हेय दृष्टि से देखी जाती हैं और उसके बाद ड्योढ़ी के बाहर निकलते ही लड़कियों पर समस्याओं और संकटों का पहाड़ टूट जाता हैं. 

कोरोना के बाद यह भी साबित हुआ कि बेटियां औऱ मां परिवार की थाती है. अब समय आ गया है कि बेटी अब पढ़े और लिखे भी. संवेदनशील बनकर समाज के हर नरपिशाचों से लड़े चाहे वह घर में ही क्यों न हो. उन्होंने समाज और सरकार से भी लड़कियों के प्रति दृष्टिकोण बदलने की जरूरत बताती हैं. सम्प्रति पटना में रहकर केनरा बैंक और कविता दोनों की सेवा कर रही हैं. अभी हाल ही में राजधानी पटना में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (बैंक और बीमा) पटना की ओर से रिजर्व बैंक ने एक समारोह में उन्हें कविता के लिए प्रथम पुरस्कार दिया है.
















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