स्मृति दिवस के रूप में मनाई गई प्रोफेसर एस के मिश्रा की जयंती ..

कहा कि "ना भूतो ना भविष्यति" उनके जैसे शिक्षक विरले ही आते हैं. वह कुशल शिक्षक ही नहीं अपितु छात्रों के कुशल पथ प्रदर्शक भी थे. वह छात्रों का सर्वांगीण विकास करने में विश्वास रखते थे. वह एक अच्छे होम्योपैथ चिकित्सक भी थे. लोगों को अपनी सेवाएं बिल्कुल नि:शुल्क देते थे.




- तैल चित्र पर पुष्पांजलि कर श्री शिव तथा अनये लोगों ने किया नमन
- व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर की गई चर्चा

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : प्रोफेसर एस के मिश्रा की 78 वी जयंती स्मृति दिवस के रूप में मनाई गई. प्रोफेसर एस के मिश्रा फाउंडेशन के कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता एमवी कॉलेज के भौतिकी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुरेंद्र सिंह ने किया. उन्होंने प्रोफेसर एस के मिश्रा के तैलचित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की. 

तत्पश्चात उन्होंने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए प्रोफेसर मिश्रा को युगपुरुष बताया और कहा कि "ना भूतो ना भविष्यति" उनके जैसे शिक्षक विरले ही आते हैं. वह कुशल शिक्षक ही नहीं अपितु छात्रों के कुशल पथ प्रदर्शक भी थे. वह छात्रों का सर्वांगीण विकास करने में विश्वास रखते थे. वह एक अच्छे होम्योपैथ चिकित्सक भी थे. लोगों को अपनी सेवाएं बिल्कुल नि:शुल्क देते थे. इतना ही नहीं दवाओं का भी वितरण नि:शुल्क ही कर देते थे. वह बक्सर की शान हैं. बिहार में लिखी उनकी पुस्तकें आज भी बच्चों को पढ़ाई जाती है. मंच संचालन करते हुए उनके शिष्य राजीव रंजन पांडेय ने कहा कि गुरु जी के द्वारा दिए गए मार्गदर्शन पर चल कर आज उनके कई शिष्य देश और विदेश में ख्याति बटोर रहे हैं.

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर ट्रांस बिहारी शर्मा ने किया उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय में आकर मेरा जीवन सफल हो गया, जहां प्रोफ़ेसर एस के मिश्रा जैसी महान विभूति रह चुकी है. मैं उन्हें सादर नमन करता हूं. कार्यक्रम में शिव चंद्र सिंह, शंभूलाल, अरुण प्रकाश, आफताब, संजय यादव, शिवजी यादव, बृजमोहन, संजय किशोर, धनंजय राम, सोहेल अख्तर, रामकृष्ण, कमलेश पाल समेत कई लोग मौजूद रहे. सभा का संचालन इंजीनियर मनीष कुमार ने किया.












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