बैठक में नवनिर्वाचित पार्षद पहुंचे हुए थे. बैठक में उनके तथा कार्यपालक पदाधिकारी के बीच काफी कहासुनी भी हुई एवं आमने-सामने आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला जहां पार्षद द्वारा नगरपरिषद कार्यपालक पदाधिकारी के कई आरोप लगाए वही कार्यपालक पदाधिकारी ने भी सदन की गरिमा बनाए रखने का अनुरोध किया.
- वार्ड पार्षद ने कहा - अधिकारी कर रही हैं व्यापक भ्रष्टाचार
- बोली इओ - सदन की गरिमा बनाए रखना सबका कर्तव्य
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर परिषद की पहली बैठक मंगलवार को नगर परिषद के सभागार में आयोजित की गई यह बैठक काफी हंगामेदार रही. बैठक में नवनिर्वाचित पार्षद पहुंचे हुए थे. बैठक में उनके तथा कार्यपालक पदाधिकारी के बीच काफी कहासुनी भी हुई एवं आमने-सामने आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला जहां पार्षद द्वारा नगरपरिषद कार्यपालक पदाधिकारी के कई आरोप लगाए वही कार्यपालक पदाधिकारी ने भी सदन की गरिमा बनाए रखने का अनुरोध किया. पार्षद के द्वारा यह आरोप भी लगाया गया कि प्रतिनिधियों को वह सम्मान नहीं मिल रहा जिसके वह हकदार हैं.
दरअसल नगर परिषद क्षेत्र के सोहनीपट्टी इलाके के वार्ड पार्षद चक्रवर्ती चौधरी के द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी से यह मांग की कि नगर की सफाई के लिए कितना खर्च होता है, यह जानकारी उन्हें दी जाए. साथ ही स्थायी सशक्त समिति की पिछली दो बैठकों में क्या वार्ता हुई इसकी जानकारी भी मांगी गई. चक्रवर्ती चौधरी का कहना है कि उन्होंने जब नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से इन दोनों सवालों का जवाब मांगा तो उन्होंने जवाब देने से साफ तौर पर इंकार कर दिया और उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया. इतना ही नहीं नगर परिषद की मुख्य तथा उप मुख्य पार्षद ने जब नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से सफाई एनजीओ का एग्रीमेंट मारना मांगा तो उन्होंने वह एग्रीमेंट उन्हें भी नहीं दिया इस कृत्य से यह प्रतीत होता है कि नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा व्यापक भ्रष्टाचार किया जा रहा है ऐसे में यदि इस भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगती है तो इसके लिए बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा.
मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने कहा कि यह आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि वह सरकार की योजनाओं को कार्यान्वित कराने के लिए यहां कृत संकल्पित है और लगातार सरकार की योजनाओं को धरातल पर मूर्त रूप देने के लिए कार्य कर रही हैं, लेकिन अगर पार्षदों के द्वारा इस तरह का आरोप लगाया जाता है तो निश्चित रूप से यह उनकी समझ का अभाव है. नगर परिषद की सशक्त समिति की जो बैठक हुई थी उसकी चर्चा आज पहली बैठक में की गई. ऐसे में यह सवाल ही गलत है कि पहले सशक्त समिति की बैठकों में क्या कुछ हुआ था? क्योंकि जो कुछ हुआ वह आज स्पष्ट कर दिया गया था. इसके अतिरिक्त सफाई एनजीओ के संदर्भ में जो जानकारी मांगी गई है वह जानकारी मुख्य पार्षद को उपलब्ध करा दी गई है. ऐसे में यह आरोप भी बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा बनाए रखना सब का कर्तव्य होना चाहिए इसके लिए वह पार्षदों से भी अनुरोध कर रही हैं.
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