वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वहन किया गया. जय श्रीराम की गूंज केवल एक मोहल्ले में नहीं बल्कि पूरे नगर में साफ सुनाई दे रही. रोक के बावजूद एक-दो डीजे संचालकों के द्वारा कंपन पैदा करने वाले गानों को भी बजाया गया. इस दौरान लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था.
- लाठी भांजने और करतब दिखाने की वर्षों पुरानी परंपरा का हुआ निर्वहन
- सुरक्षा के लिए गया था व्यापक इंतजाम चप्पे-चप्पे पर तैनात पुलिसकर्मी
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर में महावीरी पूजा के अवसर पर हर्षोल्लास के साथ पवनपुत्र की पूजा अर्चना की गई. जिसके बाद भव्य शोभायात्रा निकालते हुए लाठी भांजे तथा करतब दिखाने की वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वहन किया गया. जय श्रीराम की गूंज केवल एक मोहल्ले में नहीं बल्कि पूरे नगर में साफ सुनाई दे रही. रोक के बावजूद एक-दो डीजे संचालकों के द्वारा कंपन पैदा करने वाले गानों को भी बजाया गया. इस दौरान लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था.
वर्षों से चली आ रही मान्यताओं के अनुसार रोग व आपदाओं से रक्षा को लेकर मंगलवार को नगर के विभिन्न मुहल्लों में महावीरी झंडा की पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ पूजा की गई. इस मौके पर नगर के कुल 27 अखाड़ों द्वारा जूलूस निकाला गया. जिसमें बरजंगबली के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन भक्तों ने पाएं.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बक्सर नगर में आपदा और महामारी से रक्षा को ले हर साल होली के बाद पड़ने वाले पहले मंगलवार को महावीरी झंडा के पूजा वह भव्य जुलूस निकालने की परंपरा है. कहते हैं कि लगभग सौ वर्ष पूर्व शहर पर प्लेग नामक भयंकर महामारी का प्रकोप छाया हुआ था. तब किसी सन्यासी के निर्देश पर तत्कालीन बांग्ला भाषी एसडीएम द्वारा महावीरी झंडा की विधिवत पूजा अर्चना कर घी से आहूति देने की सलाह दी गई थी. उस सलाह को मानते हुए लोगों ने बकायदा पूजा-अर्चना की और वास्तव में शहर पर छाए प्लेग का असर समाप्त हो गया. तब से हर साल यह परंपरा चली आ रही है.
नगर के प्रमुख श्रीचंद्र मंदिर अखाड़ा के अध्यक्ष ने बताया कि उस समय शहर का एकमात्र मुख्य अखाड़ा श्रीचंद्र मंदिर ही था. अब मुहल्लों के प्रसार व विकास के साथ इसका दायरा पहले से काफी बढ़ चुका है. आज यहां विभिन्न मुहल्लों से 27 अखाड़े निकाले जाते हैं. शाम के समय सभी अखाड़ों के लोगों का मिलन इसी मुख्य अखाड़े पर होता है.
महावीरी पूजा के जुलूस के दौरान अलग-अलग अखाड़ों से निकाली गई झांकियों के साथ मुहल्लों के लेाग बजरंगबली की पूजा अर्चना के साथ ही लाठियां भांजते हुए अपने करतब दिख रहे थे. पूजा को लेकर प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे. शहर के तमाम चौक चौराहों से लेकर सभी अखाड़ों के साथ पुलिस पदाधिकारियों व जवानों के अलावा दण्डाधिकारियों को तैनात किया गया था. दोपहर बाद से नगर में सभी प्रकार के वाहनों का परिचालन स्वतः रुक गया था. कई इलाकों में देर रात तक बिजली गायब रही.
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