बक्सर में जलाई गई शिक्षक नियोजन से जुड़ी फाइलें! लूट के अभियुक्त ने आरटीआई से मांगी सूचना ..

पिछले दिनों जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा) के कार्यालय में घुसकर उनके साथ दुर्व्यवहार तथा पैसे और घड़ी छीनने के संबंध में नगर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई, जिसमें अजय कुमार सिंह, अरविंद कुमार सिंह एवं तारकेश्वर सिंह नामक तीन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. इनमें अजय और अरविंद की जोड़ी पहले से शिक्षा विभाग के दलालों के रूप में चर्चित है. 





- जिला शिक्षा पदाधिकारी के पुराने कार्यालय में लगी आग, महत्वपूर्ण कागजात जलें
- अब डीपीओ के घडी की कीमत पूछ रहे हैं दुर्व्यवहार और लूटपाट के आरोपी

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : पिछले कुछ दिनों से चर्चा के केंद्र में रहा शिक्षा कार्यालय एक बार फिर चर्चा में है जिला शिक्षा पदाधिकारी के पुराने कार्यालय में मंगलवार की दोपहर किसी असामाजिक तत्वों के द्वारा आग लगा दी गई. उधर, सूत्रों का कहना है कि पूरे प्रदेश में करीब 76 हज़ार शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति मामले में निगरानी की तलवार लटकने के बाद एक के बाद एक प्रदेश के कई जिलों के शिक्षा कार्यालयों में आग लग रही है. संभव है कि बक्सर में भी कुछ ऐसा ही माजरा हो और शिक्षक नियोजन से जुड़ी फाइलों को नुकसान पहुंचाया गया हो. जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार द्विवेदी का भी यह कहना है कि इस घटना में कुछ पुरानी फाइलों को नुकसान हुआ है. इस मामले में नगर थाने में अज्ञात अभियुक्त के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है. इसके पूर्व जिन दो लोगों के विरुद्ध जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शिक्षा शारिक अशरफ के द्वारा लूटपाट के आरोपी बनाए गए अजय सिंह और अरविंद सिंह नामक दो अभियुक्तों में से एक अरविंद सिंह के द्वारा सूचना के अधिकार कानून का मजाक बनाते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से उनके द्वारा पहने जाने वाली राडो कंपनी की घड़ी की कीमत पूछी गई है. हालांकि पदाधिकारी ने इसे निजता का उल्लंघन माना है और इस अति महत्वपूर्ण सूचना की जानकारी देने से मना कर दिया है. 

दरअसल, मंगलवार की दोपहर को सूचना दी गई थी रजिस्ट्री ऑफिस में आग लगी है. सूचना पर फायर ब्रिगेड के कर्मी मौके पर पहुंचे तो यह ज्ञात हुआ कि आग बाहर नहीं बल्कि पुराने जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में लगी है. अग्निशमन कर्मियों ने किसी तरह आग पर काबू पाया इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी स्वयं मौके पर पहुंचे और उन्होंने घटनास्थल का अवलोकन किया.

पुरानी अलमारी के कागजातों से छेड़छाड़, महत्वपूर्ण दस्तावेज जलाएं : डीइओ

जिला शिक्षा पदाधिकारी के मुताबिक एक पुरानी अलमारी को खोला गया था और कुछ कागजातों में आग लगाई गई थी. आग लगाने की बात वह इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उस भवन में बिजली का कनेक्शन नहीं है. ऐसे में शॉर्ट सर्किट आदि से आग लगने का कोई सवाल ही नहीं उठता. जिला शिक्षा पदाधिकारी यह भी मान रहे हैं कि किसी के द्वारा महत्वपूर्ण फाइलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से यह किया गया है. कला के मामले की जांच जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही कुछ और सच्चाई सामने निकल कर आए.

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की घड़ी का सवाल :

दरअसल, पिछले दिनों जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा) के कार्यालय में घुसकर उनके साथ दुर्व्यवहार तथा पैसे और घड़ी छीनने के संबंध में नगर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई, जिसमें अजय कुमार सिंह, अरविंद कुमार सिंह एवं तारकेश्वर सिंह नामक तीन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. इनमें अजय और अरविंद की जोड़ी पहले से शिक्षा विभाग के दलालों के रूप में चर्चित है. भयादोहन इनका मुख्य काम है. लेकिन पहली बार किसी अधिकारी हैं उन पर कड़ा एक्शन लिया है. इस मामले में अरविंद सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और जमानत पर छूटकर आने के बाद उन्होंने घड़ी की कीमत के संदर्भ में सूचना मांगी है.

क्या जिला शिक्षा पदाधिकारी दे रहे हैं दलालों को संरक्षण?

पिछले दिनों विभिन्न समाचार माध्यमों और चर्चाओं में यह बात सामने आई कि जिला शिक्षा पदाधिकारी शिक्षा विभाग के दलालों को संरक्षण दे रहे हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ शिक्षा विभाग के दलाल अजय और अरविंद की तस्वीर भी सामने आई. इस पर सवाल करने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार द्विवेदी ने कहा कि उनके कार्यालय में प्रतिदिन आम जनमानस से लेकर आरटीआई कार्यकर्ता और कथित सामाजिक कार्यकर्ता भी पहुंचते रहते हैं. सबसे वह बातचीत करते हैं और उनकी समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण करते हैं. अजय और अरविंद भी इसी तरह कार्यालय में पहुंचा करते थे धीरे-धीरे उनकी गतिविधियां संदिग्ध लग रही थी. उसे मारपीट की और उनकी पूरी सच्चाई निकल कर सामने आ गई.

















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