नहीं रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह, सोमवार को न्यायालय में नो वर्क की घोषणा ..

न्यायालय में जजों के अलावा न्यायिक कर्मियों को भी सम्मान देते थे. कचहरी के जजों के कार्यालय में कभी नहीं जाते थे, पेशकार स्टेनो अर्दली तक को सम्मान देते थे जो अब किसी अधिवक्ता में दुर्लभ है. 





- अधिवक्ता संघ ने दिवंगत आत्मा को दी श्रद्धांजलि
- सोमवार को न्यायिक कार्यो से विरत रहने का लिया फैसला


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : व्यवहार न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह का तकरीबन 90 साल की उम्र में निधन हो गया है. वर्ष 1965 से व्यवहार न्यायालय में बतौर अधिवक्ता कार्यरत सिविल लाइंस निवासी स्वर्गीय सिंह मूल रूप से बीरपुर गांव के निवासी थे. उनके निधन की सूचना मिलते ही अधिवक्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई और अधिवक्ता संघ के द्वारा दिवंगत आत्मा के सम्मान में सोमवार 27 मार्च को न्याय कार्यों से विरत रहने का फैसला लिया गया.

अधिवक्ता संघ के महासचिव विन्देश्वरी प्रसाद पांडेय ने बताया कि मृदुभाषी व सरल स्वभाव के धनी श्री सिंह जब तक शारीरिक रूप से स्वस्थ थे तब तक हर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर अपनी परंपरागत परिधान को धारण कर घोड़े पर सवार होकर न्यायालय आते थे. उन्होंने न्यायालय में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई थी.

श्री सिंह निःसंतान थे. पत्नी भी गुजर चुकी थी. न्यायालय में जजों के अलावा न्यायिक कर्मियों को भी सम्मान देते थे. कचहरी के जजों के कार्यालय में कभी नहीं जाते थे, पेशकार स्टेनो अर्दली तक को सम्मान देते थे जो अब किसी अधिवक्ता में दुर्लभ है. एक न्यायिक कर्मी ने बताया कि मेरा उनसे व्यक्तिगत रूप से संपर्क था और मुझे बड़ा ही स्नेह देते रहते थे. मेरी भी आदत रही कि न्यायालय या बाजार में कही दिखाई देते थे तो मैं श्रद्धापूर्वक झुक कर नमस्कार करता था.

















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