वीडियो : आश्रित शिक्षक अभ्यर्थियों ने दी आत्मदाह की धमकी, डीएम ने दिए चयन कोषांग बनाने के निर्देश ..

शिक्षक अभ्यर्थियों के धरने पर बैठने की खबर जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल तक भी पहुंची और उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को तत्काल एक चयन कोषांग का गठन कर नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने का निर्देश दिया है. 


 






- वर्षों से अनुकंपा पर नौकरी पाने की आस में भटक रहे हैं शिक्षक अभ्यर्थी
- मामले में डीएम के हस्तक्षेप के बाद जगी जल्द ही नियुक्ति की उम्मीद

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर के कमलदह पोखर पार्क में चल रहा आश्रित शिक्षक अभ्यर्थियों का धरना छठवें दिन भी जारी रहा. उन्होंने कहा कि अनुकंपा पर नौकरी की वर्षों से लंबित मांग अब तक पूरी नहीं हुई है. किसी के पिता तो किसी के पति की मौत हो जाने के बाद उन्हें अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिली है. वर्षों से उन्हें केवल दौड़ाया जा रहा है. घर की माली हालत भी ठीक नहीं है. शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा कि भुखमरी से मरने से अच्छा किया वह आत्मदाह कर लें. उधर शिक्षक अभ्यर्थियों के धरने पर बैठने की खबर जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल तक भी पहुंची और उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को तत्काल एक चयन कोषांग का गठन कर नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने का निर्देश दिया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार द्विवेदी ने कहा कि डीएम के निर्देश पर जल्द ही कमेटी बनाकर आश्रित शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

छठवें दिन धरना स्थल पर बैठे धरनार्थियों ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सामाजिक न्याय की बात कहते हैं. उनका कहना है कि सभी को उनके अधिकार मिले लेकिन यहां अधिकारियों की लालफीताशाही के कारण ऐसा हो नहीं पा रहा. किसी ने वर्षों पूर्व अपना पिता खो दिया तो किसी का सुहाग उजड़ गया है. उनके सामने अब परिवार की जिम्मेदारी है. परिस्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है लेकिन प्रशासन के तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रहा.

डीडीसी करते हैं दुर्व्यवहार :

अनुकंपा पर नौकरी पाने की आस लिए शिक्षक अभ्यर्थी जब जिले के उप विकास आयुक्त के पास अपनी बात लेकर जाते हैं तो उनका दुर्व्यवहार कहीं ना कहीं उन्हें मानसिक तौर पर और भी विचलित कर देता है. धरना अंखियों ने बताया कि डीडीसी कभी तो पुरुष अभ्यर्थियों को यह कहते हैं कि उन्हें यदि नौकरी नहीं मिली तो उन्हें कोई दूसरा काम करना चाहिए. अन्यथा वह धरती पर बोझ हैं. जबकि महिला अभ्यर्थियों को उन्होंने इतना तक कह दिया कि क्या उन्होंने बच्चे उनसे पूछ कर पैदा किए थे? 

डीएम के निर्देश पर जगी उम्मीद :

12-13 वर्षों से से नियुक्ति की आस लगाए शिक्षक अभ्यर्थियों ने जब जिला पदाधिकारी के द्वारा कोषांग बनाकर उनके नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द पूरा किए जाने की बात सुनी है तो उन्हें उम्मीद का एक दिया जलता दिखाई देने लगा है. लेकिन जब तक नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक उनके समक्ष संशय की स्थिति बरकरार है.

कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी :

अनुकंपा पर नौकरी के लिए धरने पर बैठे शिक्षक अभ्यर्थियों की मांग पर जिला पदाधिकारी ने संज्ञान लिया है और जल्द से जल्द एक चयन कोषांग बनाकर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने की बात कही है. इसके लिए शिक्षा विभाग के तीन-चार कर्मियों का कोषांग जल्द ही बनाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

अनिल कुमार द्विवेदी
जिला शिक्षा पदाधिकारी

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