वीडियो : माड़-भात-चोखा खाकर आधा दर्जन बच्चे बीमार, एक की मौत ..

गंभीर हालत में उन्हें द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए बक्सर रेफर कर दिया गया. यहां मौजूद चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आर के गुप्ता ने उनका इलाज शुरु किया. इलाज के इलाज के पूर्व ही 10 वर्ष के बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि अन्य पांच बच्चों का गंभीर हालत में इलाज जारी है.

 





- डुमरांव नगर के दक्षिण टोला अनुसूचित बस्ती का मामला
- इलाजरत बच्चों में एक की हालत अब भी गंभीर

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : डुमरांव  नगर के दक्षिण टोला स्थित अनुसूचित बस्ती के आधा दर्जन बच्चे विषाक्त भोजन खाने से बीमार हो गए. संभवतः रात में उन्होंने माड़-भात और चोखा खाया था. गंभीर हालत में उन्हें द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए बक्सर रेफर कर दिया गया. यहां मौजूद चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आर के गुप्ता ने उनका इलाज शुरु किया. इलाज के इलाज के पूर्व ही 10 वर्ष के बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि अन्य पांच बच्चों का गंभीर हालत में इलाज जारी है.



घटना के संदर्भ में डुमरांव दक्षिण टोला के अनुसूचित बस्ती निवासी अनग्राहित राम के पुत्र रामजी राम ने बताया कि उनके तथा उनके भाई के बच्चों ने बीती रात एक साथ भोजन किया भोजन के पश्चात सभी सोने के लिए चले गए. सुबह जब उनकी नींद खुली तो उन्होंने जी मिचलाने की शिकायत की. देखते ही देखते सभी छह बच्चों को उल्टी और दस्त शुरू हो गए और उनकी हालत खराब होने लगी.

तबीयत ज्यादा बिगड़ती देख उन्हें तुरंत ही डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों ने उनकी हालत को गंभीर बताते हुए उन्हें बक्सर ले जाने की सलाह दी. फिलहाल सभी का बक्सर सदर अस्पताल में इलाज शुरू किया गया है. इलाज के पूर्व ही रामजी राम की 10 वर्षीय पुत्री नीतू कुमारी को मृत घोषित किया गया, जबकि उनके 8 वर्षीय पुत्र पंकज के साथ-साथ उनके भाई मनोज राम के बच्चे हिमांशु (2 वर्ष), प्रियांशु (4 वर्ष) प्रीतम (8 वर्ष), तथा प्रिया (6वर्ष) का इलाज जारी है. प्रिया की हालत नाजुक बनी हुई है.

किसी ने कहा बच्चों ने खाया था माड़-भात-चोखा, किसी ने कहा - रोटी सब्जी :

इस मामले में बच्चों के परिजनों के अलग-अलग बयान है. मनोज राम का कहना है कि बच्चों ने दिन में दाल-भात-चोखा खाया था जबकि रात को माड़-भात-चोखा खाया था, जबकि राम जी राम का कहना है कि बच्चों ने रोटी सब्जी खाई थी और वही भोजन सभी ने किया था. उन्होंने यह भी बताया कि भोजन सुबह में जहां भी गया लेकिन उसमें कोई कीड़ा आदि मरी होने जैसी भी कोई बात नहीं थी. ऐसे में बच्चों की हालत कैसे खराब हुई यह समझ नहीं आ रहा.

बच्ची की पहले ही हो गई थी मौत, एक अन्य की हालत नाजुक : 
मामले में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आर के गुप्ता ने बताया कि दिन में 11:10 मिनट पर बच्चों को बक्सर लाया गया 5 बच्चों की स्थिति खराब होने पर उनका इलाज शुरू किया गया जबकि रामजी राम नामक व्यक्ति की 10 वर्षीय पुत्री नीतू कुमारी पहले से ही मृत पाई गई. मामला फूड प्वाइजनिंग का प्रतीत हो रहा है.

वीडियो : 







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