बताया कि कोविड संक्रमण काल में वह बक्सर लौटी और फिर यहीं से उन्होंने आइएएस की तैयारी शुरू की. उन्होंने बताया कि उनका पहला लक्ष्य यूपीएससी की परीक्षा पास करना था जिसके लिए उन्होंने यूट्यूब तथा अन्य माध्यमों से तैयारी की. उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें सफलता प्राप्त होगी लेकिन देशभर में उन्हें इतना अच्छा रैंक मिलेगा यह उन्होंने कभी नहीं सोचा था.
- बक्सर के बंगला घाट निवासी स्वर्गीय मनोज लोहिया की पुत्री हैं गरिमा
- 2021 से सोशल साइट्स के माध्यम से कर रही थी तैयारी
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर के बंगला घाट की रहने वाली गरिमा लोहिया ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में पूरे देश स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया है. उनके सफलता पर न सिर्फ उनके परिवार और उनके जानने वाले बल्कि पूरे बक्सर वासियों में हर्ष का माहौल है. उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. सभी उन्हें मिठाई खिला रहे हैं और उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दे रहे हैं.
स्व मनोज लोहिया व सुनीता की पुत्री तथा तीन भाई बहनों में मंझली गरिमा ने बताया कि उनकी शिक्षा-दीक्षा बक्सर के वुड स्टॉक स्कूल से हुई है, जिसके बाद सनबीम भगवानपुर से 10+2 किया और फिर बाद में किरोड़ीमल कॉलेज दिल्ली से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमण काल में वह बक्सर लौटी और फिर यहीं से उन्होंने आइएएस की तैयारी शुरू की. उन्होंने बताया कि उनका पहला लक्ष्य यूपीएससी की परीक्षा पास करना था जिसके लिए उन्होंने यूट्यूब तथा अन्य माध्यमों से तैयारी की. उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें सफलता प्राप्त होगी लेकिन देशभर में उन्हें इतना अच्छा रैंक मिलेगा यह उन्होंने कभी नहीं सोचा था.
2015 में हुई पिता की मृत्यु तो माँ ने नहीं टूटने दिया सपना :
गरिमा ने बताया कि वर्ष 2015 में उनके पिता की मृत्यु हो गई उनके पिता ने यह सपना देखा था कि वह बेटी को आइएएस अधिकारी बनाएंगे. पिता के मरने के बाद यह सपना टूट जाता लेकिन माँ ने ऐसा नहीं होने दिया. गरिमा के साथ वह भी पूरी रात जगी रहती थी. उनके खाने-पीने से लेकर उनकी हर जरूरत माँ ने पूरी की.
बिहार में देना चाहती हैं सेवा :
गरिमा ने बताया कि बिहार में ही सेवा देनी चाहती है क्योंकि बिहार से उनका अपना जुड़ाव है ऐसे में आईएएस बनने के बाद वह बिहार कैडर में ही आना चाहेंगी.
मोहल्ले वासियों ने कहा मेहनत का मिला परिणाम :
गरिमा की सफलता से मोहल्ले वासी भी काफी उत्साहित हैं. स्थानीय निवासी मनीष नीरज ने बताया कि गरिमा ने कई रातों तक जाग जाग कर पढ़ाई की है. निश्चित रूप से उनकी इस सफलता से पूरे बक्सर वासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है. मनीष नीरज ने कहा कि गरिमा ने यह साबित कर दिया है कि, "कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो .."
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