कहा कि उन्हें यह कह कर उनके हस्ताक्षर करा लिए गए थे कि विकास कार्यों की योजना तैयार करने के लिए हस्ताक्षर करना है. लेकिन उन्हें बाद में यह ज्ञात हुआ कि उनके हस्ताक्षर कार्यपालक पदाधिकारी के विरुद्ध की गई शिकायत के लिए कराए गए हैं. जबकि उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं है.
- तीन सदस्यीय समिति ने की मामले की जांच
- उप मुख्य पार्षद समेत कई पार्षदों ने की थी शिकायत
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम के विरुद्ध भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल के समक्ष की गई शिकायत के मद्देनजर 3 सदस्यीय समिति ने मामले की जांच की. जांच उपरांत समिति ने जो रिपोर्ट तैयार की उसे जिला पदाधिकारी को सौंपने की तैयारी है. लेकिन इसके पूर्व ही यह स्पष्ट हो गया कि कार्यपालक पदाधिकारी पर लगाए गए आरोप सही साबित नहीं हो सकेंगे क्योंकि जो डीएम के यहां की गई लिखित शिकायत में जिन लोगों के हस्ताक्षर हैं, उनमें से भी कई लोगों ने यह कहा कि उन्हें यह कह कर उनके हस्ताक्षर करा लिए गए थे कि विकास कार्यों की योजना तैयार करने के लिए हस्ताक्षर करना है. लेकिन उन्हें बाद में यह ज्ञात हुआ कि उनके हस्ताक्षर कार्यपालक पदाधिकारी के विरुद्ध की गई शिकायत के लिए कराए गए हैं. जबकि उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं है.
दरअसल, नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम और विकास कार्यों में लूट-खसोट तथा विकास कार्यों पारदर्शिता नहीं बरते जाने का आरोप लगाते हुए उप मुख्य पार्षद समेत कई वार्ड पार्षदों ने जिला पदाधिकारी के साथ-साथ लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष आवेदन देकर कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया था. मामले में जिला पदाधिकारी के निर्देश पर अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार मिश्रा तथा लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी किशोरी चौधरी की तीन सदस्यीय समिति को मामले की जांच का आदेश दिया, जिसके आलोक में समिति ने नगर परिषद कार्यालय में पहुंचकर मामले की जांच की.
नगर परिषद के सभागार में बैठक शुरू हुई बैठक में शिकायतकर्ता उप मुख्य पार्षद तथा विभिन्न वार्डों के वार्ड सदस्य मौजूद थे. बैठक में जब वार्ड पार्षदों से पूछा गया कि उन्हें कार्यपालक पदाधिकारी से किस तरह की शिकायत है पर अधिकांश वार्ड पार्षदों ने कहा कि उन्हें यह ज्ञात ही नहीं है कि उन्होंने कब शिकायत की है? जब उनके हस्ताक्षर दिखाए गए तो उनका कहना था कि उनसे विकास कार्यों के लिए हस्ताक्षर किए जाने की बात कह हस्ताक्षर करा लिए गए.
कहते हैं अधिकारी :
कार्यपालक पदाधिकारी के विरुद्ध की गई शिकायत की जांच की गई. लेकिन जांच में जो भी शिकायतकर्ता थे वही इस बात से मुकर गए कि उन्होंने शिकायत की जांच की है. जांच रिपोर्ट जिला पदाधिकारी को दी जाएगी जिसके बाद उनके आदेशानुसार आगे की कार्रवाई होगी.
किशोरी चौधरी
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी
वीडियो :
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