विधवा महिला को हुआ प्यार, परिवार बना दीवार तो थानेदार ने किया कन्यादान ..

थानाध्यक्ष की तरफ से ही मंदिर में उपस्थित सभी लोगों के बीच मिठाईयां बांटी गई और फिर थानाध्यक्ष ने दुल्हन को उसके नए घर के लिए विदा कर दिया. थानाध्यक्ष की अनोखी पहल की सर्वत्र चर्चा है और सब उनकी सराहना कर रहे हैं.





- प्रेमी ने 2 वर्ष के पुत्र के साथ विधवा प्रेमिका को किया स्वीकार
- पुलिस वाले ही बने बाराती और घराती, नाचते-गाते कराई शादी

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : आमतौर पर विधवा अथवा विधुर हो जाने के बाद महिला और पुरुष का जीवन नारकीय हो जाता है. अगर वह दोबारा शादी करना चाहे तो भी समाज उन्हें गलत नजरों से देखता है. ऐसा ही कुछ हुआ ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के रक्षा नगर गांव में जहां विधवा महिला मुस्कान पति की मृत्यु हो जाने के बाद 2 वर्ष की संतान के साथ अब अपना जीवन एकाकी काटने को विवश थी. इसी बीच मुस्कान की जान पहचान ब्रह्मपुर गांव के स्थानीय निवासी देव कुमार साह के पुत्र सूरज कुमार साह से हुई. फोन पर बातचीत बढ़ती गई और दोनों में प्रगाढ़ प्रेम हो गया. दोनों ने घरवालों से जब उन्होंने यह बात बताई तो इस रिश्ते को स्वीकार करने के लिए कोई भी तैयार नहीं था. ऐसे में दोनों घर से भाग गए और जमशेदपुर पहुंच गए.



उधर, घरवालों के द्वारा थाने में महिला और पुरुष के गुम होने की शिकायत दर्ज कराई गई. पुलिस ने जांच की तो मामला कुछ और निकला. बाद में उन्हें जमशेदपुर से बरामद किया गया तथा जब पूछताछ की गई तो सारी कहानी निकल कर सामने आ गई. थानाध्यक्ष के द्वारा परिवार के लोगों को थाने में बुलाया गया और उन्हें समझा-बुझाकर इस विवाह के लिए तैयार किया गया. 

थानाध्यक्ष बैजनाथ चौधरी ने स्वयं घराती बन सभी रस्मो को निभाया तथा बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर में भगवान भोलेनाथ को साक्षी मानकर दोनों की शादी करा दी. इस दौरान मंदिर परिसर में उपस्थित महिलाओं ने मांगलिक गीतों को गाकर माहौल को खुशनुमा बना दिया. इस दौरान पुलिसकर्मी भी थिरकते देखे गए. थानाध्यक्ष की तरफ से ही मंदिर में उपस्थित सभी लोगों के बीच मिठाईयां बांटी गई और फिर थानाध्यक्ष ने दुल्हन को उसके नए घर के लिए विदा कर दिया. थानाध्यक्ष की अनोखी पहल की सर्वत्र चर्चा है और सब उनकी सराहना कर रहे हैं. थानाध्यक्ष का कहना है कि सभी को अपना जीवन जीने का अधिकार है और जब किसी का जीवन बेरंग हो जाए तो उसमें दोबारा रंग भरना कतई गलत नहीं है. इस विवाह में सब इंस्पेक्टर गंगा दयाल ओझा ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.









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