महज एक माह में ही इस पुल में दरार पड़ गई है. जिसके जिम्मेवार सरकार और कंपनी के लोग हैं. कमीशन के खेल में किसी भी कंपनी को काम दे कर सरकार करवा रही है. जिसका परिणाम है कि मात्र 1 महीने में 89 करोड़ की लागत से बने इस पुल में दरार पड़ना शुरू हो गया है. जबकि ठीक इसके बगल में बना पुराना पुल चार दशकों के बाद भी जस का तस है.
- नवनिर्मित पुल में आने लगी दरारें, आनन-फानन में हुई मरम्मत
- स्थानीय लोगों ने उठाएं निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : "भवन बने या पुल बने बनते परमानेंट, 90 प्रतिशत रेत है 20 प्रतिशत सीमेंट." यह पंक्तियां बिहार में इन दिनों चरितार्थ हो रही हैं. बिहार में जिस तरह से भागलपुर अगवानी पुल गिरा उसके बाद किशनगंज में एक पुल का पाया धंसने की बात सामने आई है. इसी प्रकार बक्सर में भी नवनिर्मित गंगापुर भी अब धड़कने लगा इसकी तस्वीरें सामने आने के बाद आनन-फानन में पुल निर्माण कंपनी एसपी सिंगला इसकी मरम्मत का कार्य शुरू किया लेकिन सवालिया उठने लगा कि क्या पुल निर्माण में व्यापक भ्रष्टाचार नहीं हुआ है?
दरअसल, बिहार के भागलपुर और किशनगंज के बाद बक्सर में गंगा नदी पर 89 करोड़ की लागत से बना बिहार को यूपी से जोड़ने वाले पुल में दरार पड़नी शुरु हो गयी है. स्थानीय लोगो ने सरकार एवं कम्पनी की नीयत पर सवाल उठाना शुरु कर दिया तो एसपी सिंगला कम्पनी ने रातों-रात मरम्मत कर उसे दुरुस्त करने की कोशिश की है, जिसके निशान साफ दिखाई दे रहे हैं. पुल में आई इस दरार की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा कर लोग इस पुल की तुलना अगवानी पुल से करते हुए पूछ रहे है कि कमीशन के खेल में जनता के पैसे क्यों बर्बाद हो रहे हैं?
रातों रात कम्पनी ने कराई मरम्मत :
दरअसल, सोशल मीडिया पर तीन तस्वीर काफी तेजी से वायरल हो रही हैं. यह तस्वीर गंगा नदी पर 89 करोड़ की लागत से बिहार को यूपी से जोड़ने वाले नए गंगा ब्रिज की है. जिसमे लगभग ढाई फ़ीट चौड़ा और तीन फ़ीट लम्बा दरार पड़ गया है. स्थानीय लोग जब मॉर्निंग वॉक करने पहुंचे तो इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा कर दी जिसके बाद कम्पनी से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कम्प मच गया. आनन-फानन में एसपी सिंगला कम्पनी ने नए पुल में आये दरार को रातों-रात मरम्मत कर भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का पूरा प्रयास किया, जिसके निशान साफ दिखाई दे रहे हैं.
कहते हैं स्थानीय लोग :
गंगा नदी पर बने नए पुल में आई दरार को लेकर स्थानीय निवासी संतोष पांडेय तथा इनाम खान ने निर्माण की गुणवत्ता तथा कंपनी की कार्यशैली पर सवाल उठाना शुरू कर दिया. लोगो ने बताया कि बिहार के बक्सर ही नही सुल्तानगंज में 1717 करोड़ की लागत से बना अगुवानी पुल और किशनगंज में बना पुल भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया है. 19 मई को ही बक्सर के नए गंगा ब्रिज का उद्घाटन किया गया था. महज एक माह में ही इस पुल में दरार पड़ गई है. जिसके जिम्मेवार सरकार और कंपनी के लोग हैं. कमीशन के खेल में किसी भी कंपनी को काम दे कर सरकार करवा रही है. जिसका परिणाम है कि मात्र 1 महीने में 89 करोड़ की लागत से बने इस पुल में दरार पड़ना शुरू हो गया है. जबकि ठीक इसके बगल में बना पुराना पुल चार दशकों के बाद भी जस का तस है. आखिर सरकार किस लालच में एसपी सिंगला कम्पनी को ब्लैकलिस्टेड नहीं कर रही है? राजद झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष भारती ने कहा है कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को इस मामले की जांच कराकर रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए.
गौरतलब है कि बिहार में लगतार पुलों के गिरने का सिलसिला जारी है. भागलपुर के अगवानी पुल के गिरने का शोर अभी थमा भी नहीं उससे पहले किशनगंज में पुल का पाया धंस गया और अब बक्सर में 89 करोड़ की लागत से गंगा नदी पर बना इस नए पुल के उद्घाटन के मात्र एक महीने बाद ही दरार पड़नी शुरु हो गया है.
वीडियो :
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