बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ के मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं ने उत्तरायणी गंगा का जल जिला मुख्यालय के रामरेखा घाट से लिया और फिर मिनी बाबा धाम के नाम से विख्यात ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के लिए प्रस्थान किया. वहां सुबह 4:00 बजे ही भगवान भोलेनाथ का श्रृंगार करने के बाद मंदिर का द्वार भक्तों के लिए खोल दिया गया था.
- सावन में भगवान भोलेनाथ करते हैं संसार का संचालन
- व्यवस्था को लेकर डीएम-एसपी किया है आश्वस्त
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : देवाधिदेव भगवान शिव का अति प्रिय माह सावन शुरु हो गया है. देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं तब संसार की बागडोर भगवान शिव के हाथों में रहती है. ऐसे में भगवान भोलेनाथ कैलाश से उतरकर धरती पर विराजमान रहते हैं. इस माह में भगवान शिव शम्भू को जलाभिषेक करने से वह अत्याधिक प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.
सावन के पहले दिन विभिन्न शिवालयों में हर हर महादेव और ॐ नमः शिवाय गूंज सुनाई देती रही. जिले के ब्रह्मपुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ के मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं ने उत्तरायणी गंगा का जल जिला मुख्यालय के रामरेखा घाट से लिया और फिर मिनी बाबा धाम के नाम से विख्यात ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के लिए प्रस्थान किया. वहां सुबह 4:00 बजे ही भगवान भोलेनाथ का श्रृंगार करने के बाद मंदिर का द्वार भक्तों के लिए खोल दिया गया था.
इसके अतिरिक्त जिला मुख्यालय के रामरेखा घाट स्थित रामेश्वर नाथ, बाजार समिति रोड स्थित पातालेश्वर नाथ, सेंट्रल जेल के समीप स्थित संगमेश्वर महादेव, वामनेश्वर मंदिर में स्थित सोमेश्वर नाथ महादेव, चरित्रवन मुक्ति घाट के समीप स्थित पंचमुखी शिव मंदिर, सोहनी पट्टी के गौरी शंकर मंदिर, छोटका नुआंव के प्राचीन शिव मंदिर समेत तमाम शिवालयों में दिनभर शिव भक्तों का तांता लगा रहा.
10 जुलाई को पहली सोमवारी, सुरक्षा के रहेंगे व्यापक इंतजाम :
श्रद्धालु इस बार 59 दिनों तक भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर पाएंगे. सावन 59 दिनों का होने के कारण उन्हें यह सौभाग्य प्राप्त हो रहा है. उधर इस बार पहली सोमवारी 10 जुलाई को हो रही है. इस दिन गंगा घाट से लेकर शिव मंदिरों में अत्याधिक भीड़ होगी जिसके लिए प्रशासन ने भी सही मुस्तैद है. जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल तथा आरक्षी अधीक्षक मनीष कुमार ने पहले ही कहा है कि इस बार सुरक्षा के व्यापक इंतजाम रामरेखा घाट से लेकर सभी शिव मंदिरों तक होंगे. साथ ही गंगा घाट अथवा मंदिर में भी श्रद्धालुओं के लिए कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
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