मुफ्त के राशन के लिए पैसे लेने वाले दुकानदार का लाइसेंस रद्द ..


बताया कि राशन दुकानदार के विरुद्ध पहले भी तरह की शिकायत मिली थी जिसके परिणाम स्वरूप एक बार पूर्व में भी उनके दुकान को निलंबित किया गया था. लेकिन अबकी बार दोबारा शिकायत मिलने पर उनके लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है. 







- बक्सर सांसद सह केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के सामने आई थी शिकायत
- अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने की मामले की जांच

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : केंद्रीय मंत्री सह बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा एक जन वितरण प्रणाली दुकानदार पर मुफ्त के खाद्यान्न के लिए पैसे लिए जाने के आरोपों की जांच करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी ने राशन वितरण दुकानदार का लाइसेंस रद्द कर दिया है. अनुमंडल पदाधिकारी के मुताबिक जांच में यह पाया गया कि ग्राहक के द्वारा जो आरोप लगाए गए थे वह सही हैं ऐसे में जन वितरण प्रणाली दुकानदार का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है.

दरअसल, पिछले दिनों सरकार के नौ साल बेमिसाल कार्यक्रम के तहत केंद्रीय मंत्री सह बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे रामरेखा घाट के समीप स्थित बांसफोर बस्ती में गए थे जहां बस्ती के एक व्यक्ति ने बताया कि जब वह राशन लेने जाते हैं तो केंद्र सरकार के द्वारा मुफ्त में मिलने वाला राशन उन्हें 40 रुपये का भुगतान किए जाने पर मिलता है. ऐसे में केंद्रीय मंत्री सह सांसद ने बिहार सरकार को ही कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि निश्चय ही वसूली गई राशि बिहार सरकार की जेब में जाती है. केंद्रीय मंत्री के इस बयान के बाद सियासी बवाल मच गया था.

एसडीएम की जांच में दोषी पाया गया दुकानदार :

अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने इस बात को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरु की और फेयर प्राइस डीलर राजेश्वर मिश्रा को दोषी पाया तथा उनके दुकान के लाइसेंस को रद्द कर दिया. अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि राशन दुकानदार के विरुद्ध पहले भी तरह की शिकायत मिली थी जिसके परिणाम स्वरूप एक बार पूर्व में भी उनके दुकान को निलंबित किया गया था. लेकिन अबकी बार दोबारा शिकायत मिलने पर उनके लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि यदि किसी भी फेयर प्राइस डीलर के द्वारा इस तरह अवैध वसूली किए जाने की बात सामने आती है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी.









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