नदांव गोलीकांड में न्यायालय की शरण में पीड़ित, कहा - दो हज़ार रुपये में मर्डर कराने की धमकी ..

अभियुक्तों के द्वारा उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाने लगी है. वह कहते हैं कि केवल दो हज़ार रुपये खर्च कर व उनकी हत्या करा देंगे. ऐसे में उन्होंने 19 नामजद लोगों के विरुद्ध परिवाद दाखिल किया है.

 







- 19 नामजद अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय परिवाद दायर
- कहा - प्रशासन दे रही अभियुक्तों को संरक्षण

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नदांव गांव निवासी जदयू नेता गोलीबारी की एक घटना मामले में आरोपितों के द्वारा दोबारा हमला किए जाने की आशंका जताते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद पत्र दाखिल किया है. उनका कहना है कि उनको निशाना बनाकर गोलियां चलाई गई थी. लेकिन इस हमले में वह बाल-बाल बच गए थे पहले तो उन्होंने अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी. लेकिन बाद में उन्हें यह ज्ञात हुआ कि किन लोगों ने उन पर हमला कराया था. बाद में उन्हीं अभियुक्तों के द्वारा उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाने लगी है. वह कहते हैं कि केवल दो हज़ार रुपये खर्च कर व उनकी हत्या करा देंगे. ऐसे में उन्होंने 19 नामजद लोगों के विरुद्ध परिवाद दाखिल किया है.

घटना के संदर्भ में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 7 जुलाई 2023 को वह अपने घर के सामने अवस्थित कार्यालय पर बैठे हुए थे. उस वक्त वहां 6 से 7 लोग और थे. इसी बीच बक्सर की तरफ से दो बाइक पर सवार चार अज्ञात अपराधकर्मी आए और पिस्तौल से उनके ऊपर गोलियां दागने लगे. सभी लोग किसी तरह वहां से भाग कर अपनी जान बचाने में सफल हो गए. बाद में जब अभियुक्त भागने लगे तो उनके द्वारा एक टीवीएस अपाचे मोटरसाइकिल निबंधन संख्या बीआर-44-0338 को मौके पर ही छोड़ दिया गया, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया. 

उन्होंने अपने आवेदन में यह आरोप लगाया था कि इसके पूर्व 2 जनवरी 2022 को भी सदर प्रखंड के महदह पुल के समीप उन पर गोली चलाई गई थी. ऐसे में यह आशंका है कि यही लोग उस वक्त भी गोली चलाने की घटना में शामिल थे.

जिन लोगों को उन्होंने आयुक्त बनाया है उनमें तेज बहादुर सिंह उर्फ मुन्ना सिंह उनके भाई भूपेंद्र सिंह तथा भूपेंद्र सिंह के दो पुत्र वीरू और धनु राघवेंद्र सिंह के पुत्र प्रवीण उर्फ लंबू स्वर्गीय बंशीधर सिंह के पुत्र पृथ्वीनाथ और कृपानाथ पृथ्वीनाथ के पुत्र रोहित और रामेश्वर समेत कुल 19 लोगों को अभियुक्त बनाया है. अधिवक्ता राजीव कुमार राय ने बताया कि प्रार्थी को ऐसा लग रहा है कि अभियुक्त को प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त हो रहा है ऐसे में उन्होंने न्यायालय की शरण ली है.

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