पहले चरण में अमृत भारत योजना में चौसा को नहीं शामिल करने पर जताया रोष ..

ऐसा न होने के चलते चौसा के लोग आज के दिन को विरोध दिवस के रूप में मना रहे हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे प्रशासनिक अधिकारियों एवं राजनीतिक उदासीनता के फलस्वरूप चौसा रेलवे स्टेशन को उपेक्षित करने की बहुत बड़ी साजिश चल रही है. 





- पूर्व जिला परिषद सदस्य डॉ मनोज यादव के नेतृत्व में हुआ विरोध
- कहा- चौसा को उपेक्षित करने की बड़ी साजिश कर रहा केंद्र

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : अमृत भारत स्टेशन योजना में ऐतिहासिक स्टेशन चौसा का नाम नहीं जोड़े जाने के विरोध में
 रेलवे यात्री संघर्ष समिति, चौसा  के तत्वावधान में प्रदर्शन किया गया, जिसकी अध्यक्षता रेलवे यात्री संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व ज़िला पार्षद डा मनोज कुमार यादव (अधिवक्ता) ने की जबकि संचालन का कार्य कुशवाहा महासभा के अध्यक्ष रामाशीष कुशवाहा ने किया. 


प्रदर्शन को संबोधित करते हुए डा यादव ने कहा कि विगत 5 महीनों से चौसा रेलवे स्टेशन का नाम अमृत भारत योजना में चयन किया गया था, जिसकी पुष्टि डी.आर.एम दानापुर एवं ए.डी.आर.एम दानापुर ने भी की थी, और उनके द्वारा यह भी कहा गया था कि पहले फेज में ही चौसा स्टेशन का शिलान्यास का कार्यक्रम किया जाएगा. लेकिन, कुछ ही घंटों में चौसा का नाम गायब कर दिया गया. ऐसा न होने के चलते चौसा के लोग आज के दिन को विरोध दिवस के रूप में मना रहे हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे प्रशासनिक अधिकारियों एवं राजनीतिक उदासीनता के फलस्वरूप चौसा रेलवे स्टेशन को उपेक्षित करने की बहुत बड़ी साजिश चल रही है. 

बिहार और उत्तर प्रदेश का पहला स्टेशन चौसा है जहां हुमांयू और शेरशाह के बीच युद्ध हुआ था जो इतिहास के स्वर्णिम पन्नो में अंकित है एवम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 1320 मेगावाट सतलुज जल निगम लिमिटेड पावर प्लांट का शिलान्यास भी किया गया. उस दृष्टिकोण से भी चौसा का नाम बक्सर जिला में सबसे ऊपर अंकित होना चाहिए फिर भी आजतक चौसा  रेलवे स्टेशन उपेक्षित है.

विरोध प्रदर्शन करने वाले में वार्ड पार्षद कैप्टन अशोक यादव, चंदन चौधरी, शैलेश कुशवाहा, जय प्रकाश दिनकर, रामेश्वर चौहान, उदय ततवा, रामप्रवेश राजभर, सुनील कुमार यादव, हरिशंकर राम आदि सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे.











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