किसी भी प्रखंड के बीईओ ने निर्धारित समय तक प्रतिवेदन सौंपा था. वहीं, बीइओ के लापरवाह रवैये से लोक शिकायत को भी समय से जबाव नहीं दिया जा रहा था. जिसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सख्त कार्रवाई करते हुए उनका वेतन रोक दिया है.
- निर्देश की अवहेलना एवं लोक शिकायत के मामले में बाधा पहुंचाने को लेकर हुई कारवाई
- बीइओ के साथ ही कनीय प्रभारियों की मुश्किलें भी बढ़ी
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : एक तरफ जहां पर मुख्य सचिव के के पाठक के द्वारा शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने की पहल शुरू की गई है वहीं दूसरी तरफ विभागीय निर्देशों की अवहेलना कर वरीय शिक्षकों के स्थान पर कनीय शिक्षकों को विद्यालय का प्रभार देने तथा लोक शिकायत निवारण जैसे महत्वपूर्ण कार्य में बाधा उत्पन्न करने के आरोप में जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार द्विवेदी ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों का वेतन तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है.
दरअसल, जिला अंतर्गत सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को अपने-अपने प्रखंड में अवस्थित प्रारंभिक, मध्य, उत्क्रमित मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने को लेकर निर्देश दिया गया था. जिस पर किसी भी प्रखंड के बीईओ ने निर्धारित समय तक प्रतिवेदन सौंपा था. वहीं, बीइओ के लापरवाह रवैये से लोक शिकायत को भी समय से जबाव नहीं दिया जा रहा था. जिसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सख्त कार्रवाई करते हुए उनका वेतन रोक दिया है.
बता दें कि बक्सर के गजाधर गंज निवासी रमेश कुमार ने लोक शिकायत में परिवाद दाखिल कर शिकायत किया था कि जिले के कई विद्यालयों में वरीय शिक्षकों के रहते कनीय शिक्षक प्रभार में है? इस पर लोक शिकायत पदाधिकारी ने डीइओ से रिपोर्ट मांगी थी. लेकिन किसी भी प्रखंड से यह रिपोर्ट बीईओ द्वारा नहीं सौपी गई. जिसके बाद डीइओ ने अगले आदेश तक उनके वेतन पर रोक लगा दी है. उन्होंने दोबारा पत्र जारी कर सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को तीन दिनों के अंदर जिले के सभी विद्यालयों के प्रभारी शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी है. बीइओ को यह रिपोर्ट भी देनी है कि किन विद्यालयों में वरीय शिक्षक के रहते कनीय शिक्षक प्रभार में हैं तथा उन्हें क्यों प्रभार सौंपा गया है? डीइओ की इस कार्रवाई से बीइओ के साथ ही कनीय प्रभारियों की मुश्किलें भी बढ़ गई है.
0 Comments