सावन के पावन मास के उपलक्ष्य में मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में छात्राओं ने विभिन्न प्रकार के आकर्षक डिजाइनर मेहंदी लगायी. प्रतियोगिता में तकरीबन 50 छात्रा शामिल हुईं.
- कृतपुरा के एसएस कान्वेंट में आयोजित हुई मेहंदी प्रतियोगिता
- सफल छात्राओं को अनुमंडल पदाधिकारी के हाथों मिला पुरस्कार
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : सावन की बहार आते ही लड़कियों और महिलाओं में मेहंदी लगाने की एक पुरानी परंपरा है, जिसे भारतीय सभ्यता और संस्कृति के साथ भी जोड़कर देखा जाता है. सावन का हरे रंग से भी गहरा नाता है. सावन मास में हर ओर हरियाली होती है. यही कारण है कि महिलाएं खासतौर से हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं. वहीं बच्चियों में भी सावन को लेकर उत्साह चरम पर होता है. इसी कड़ी में शनिवार को जिले के सदर प्रखंड स्थित एसo एसo कान्वेंट स्कूल कृतपुरा में सावन के पावन मास के उपलक्ष्य में मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.
इस प्रतियोगिता में छात्राओं ने विभिन्न प्रकार के आकर्षक डिजाइनर मेहंदी लगायी. प्रतियोगिता में तकरीबन 50 छात्रा शामिल हुईं. प्रतियोगिता के समापन में पुरस्कार वितरण का आयोजन किया गया. जिसमे बक्सर सदर के अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार मिश्र मौजूद रहे, जिन्हें विद्यालय के प्रधानाध्यापक त्रिलोचन राय के द्वारा बुके देकर सम्मानित किया गया. वहीं विद्यालय की निदेशिका वंदना राय ने उन्हें विद्यालय के प्रतिक चिन्ह दे कर सम्मानित किया. इस मौके को और भी सांस्कृतिक बनाने के लिए विद्यालय की ही वर्ग नवम की छात्रा रेशमा कुमारी ने स्वागत गान गा कर सबका मन मोह लिया.
प्रतियोगिता के समापन के पश्चात अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किया गया. पुरस्कार प्राप्त करने वाली छात्राओं में वर्ग चतुर्थ से ख़ुशी कुमारी ने प्रथम, व संगिनी कुमारी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया. वर्ग पंचम से मुस्कान कुमारी ने प्रथम तो संजना कुमारी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया. वहीं वर्ग षष्टम से सोनाक्षी पांडेय विजेता रही. वर्ग सप्तम से ख़ुशी ने प्रथम व अलका कुमारी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया. वहीं वर्ग अष्टम से मन्नू कुमारी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तो नंदनी चौबे ने द्वितीय स्थान पर कब्जा जमाया. इस प्रतियोगिता में शामिल छात्राएं खुशी से फूले नहीं समा रही थीं.
विद्यालय की निदेशिका वंदना राय की माने तो कोरोना काल के कारण बच्चों के ऊपर मानसिक रूप से बहुत बुरा प्रभाव पड़ा था ऐसे में इस तरह की प्रतियोगिताएं बच्चों में उत्साह के साथ-साथ रचनात्मक प्रभाव भी डालेंगी. छात्राओं ने इसे रोमांचकारी अनुभव बताया तो वहीं स्कूल के प्रधानाध्यापक त्रिलोचन राय ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता के आयोजन से छात्राओं की रचनात्मक क्षमता का विकास एवं संवर्धन होता है.
शिक्षकों में बृजेश सिंह, रवि रंजन, अजय सिंह, पंकज जी, परवेज अंसारी, संदीप वर्मा, ज्योत्सना सिंह, प्रीति कुमारी, शिल्पी कुमारी, अंकिता ओझा, नूतन जी, लालसा देवी, रूबी पांडेय, काशिफा हुसैन आदि मौजूद रहे.
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