वीडियो : बाढ़ की विभीषिका से त्रस्त लोगों के लिए वरदान साबित होगा बक्सर में बन रहा पहला तैरता हुआ घर ..

बताया कि इस घर में जो कुछ भी उन्होंने उपयोग किया है सब कुछ उन्हें आसानी से नजदीक में ही उपलब्ध हो जाता है, जिससे कि ना तो वाहनों में डीजल और पेट्रोल फूंकने की आवश्यकता होती है और ना ही कार्बन उत्सर्जन को बढ़ावा देना पड़ता है. 

 








- आसपास उपलब्ध सामग्रियों से बनाया कई कमरों और सुविधाओं से युक्त निवास स्थान
- प्रशासन की अनुमति मिलते बक्सर में खड़ा कर दिया तैरता हुआ घर


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ विभीषिका से परेशान रहता है. बाढ़ के समय में लोगों को पलायन करना पड़ता है और जब वह फिर लौट कर आते हैं तो उनके पास ना तो रहने के लिए घर रहता है और ना ही जीवन यापन के लिए कोई सामान बच पाता है. ऐसे में लोगों को एक बार फिर से अपना जीवन शुरू करना पड़ता है. ऐसे लोगों की परेशानियों को देखते हुए सरकार भले ही कोई विशेष योजना ना बन पाई हो लेकिन बिहार के ही आरा जिले के निवासी प्रशांत कुमार नामक एक युवक ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जिससे विस्थापन का दर्द झेलने वाले लोगों को काफी सहूलियत होगी और काफी हद तक उनकी परेशानियां कम हो जाएगी. उन्होंने पानी पर तैरने वाला एक घर बनाया है जिसमें आराम से कोई भी व्यक्ति अपने पूरे परिवार के साथ रह सकता है, खेती कर सकता है और बाढ़ के कहर से अपना बचाव कर सकता है. उन्होंने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी और जिला पदाधिकारी की अनुमति मिलने के बाद उन्होंने कृतपुरा के समीप गंगा में तैरते हुए मकान का निर्माण शुरू किया और अब तकरीबन एक से डेढ़ माह के अंदर यह पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा.

आसानी से उपलब्ध सामग्रियों से बना दिया तैरता हुआ घर :

प्रशांत कुमार ने बताया कि उन्होंने कई देशों की यात्रा की है अपनी यात्रा में उन्होंने विस्थापितों की मदद की. कई रिफ्यूजी कैंप में गए कई देशों की यात्रा में उनके कई मित्र भी बने उन सबके साथ मिलकर उन्होंने विस्थापितों की मदद की और जब वह लौटकर बिहार पहुंचे तो यहां उन्होंने बाढ़ से परेशान लोगों की मदद करने की योजना बनाई. अपनी योजना को मूर्त रूप देने के लिए उन्होंने अपने विदेशी मित्रों, स्थानीय सहयोगियों तथा स्वयं की इच्छा शक्ति का भरपूर प्रयोग कर पानी मे तैरता हुआ घर बना दिया. 


गोबर और मिट्टी से बना वैदिक ईंट, वजन केवल ढाई सौ ग्राम :

इस घर को बनाने में जिस ईंट का प्रयोग हो रहा है उसे गोबर और मिट्टी तथा भूसे के प्रयोग से बनाया गया है. इस ईंट का वजन केवल ढाई सौ ग्राम है और सामान्य ईंट से थोड़ा सा ज्यादा चौड़ा भी है. ऐसे में इस पदार्थ के उपयोग से पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होगा और यह घर हल्का भी बना रहेगा.

उन्होंने बताया कि इस घर में जो कुछ भी उन्होंने उपयोग किया है सब कुछ उन्हें आसानी से नजदीक में ही उपलब्ध हो जाता है, जिससे कि ना तो वाहनों में डीजल और पेट्रोल फूंकने की आवश्यकता होती है और ना ही कार्बन उत्सर्जन को बढ़ावा देना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पेंट, और इंजन ऑयल आदि के खाली ड्रम, मिट्टी-गोबर जैसी सामग्री से उन्होंने यह घर बनाया है. घर के ढांचे को स्वरूप देने के लिए लोहे के एंगल का भी प्रयोग किया गया है.

कई देशों में लोगों की मदद करने वाले लोग इस प्रोजेक्ट से जुड़े, 

प्रशांत ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2017 में मोटर बाइक से ही भारत से लेकर स्कॉटलैंड तक का सफर तय किया. इस दौरान उन्होंने कई देशों की यात्रा की है. इस दौरान उन्होंने कई सभ्यताओं को देखा. कई जगहों पर संकटग्रस्त विस्थापितों की मदद के दौरान उनके कई दोस्त बने. जो आज उनके प्रोजेक्ट में सहयोग कर रहे हैं. इस घर के निर्माण में उनका सहयोग करने वालों में कनाडा के बेन, नीदरलैंड के कोन एल्थस, जर्मनी से एंड्र्स मूलर, इसराइल से अहमद, बर्लिन से एना जैसे कई नाम है जो उनके सहयोग के लिए भारत आकर मदद कर रहे हैं इसके अतिरिक्त स्थानीय लोग भी उनके इस अभियान में सहयोगी बन रहे हैं. 

900 स्क्वायर फीट के घर के लिए तकरीबन 6 लाख रुपये का खर्च :

उन्होंने बताया कि बक्सर के कृतपुरा में गंगा नदी के ऊपर जो उन्होंने घर बनाना शुरू किया है. बाढ़ आने पर यह घर गंगा के पानी के साथ ऊपर चला जाएगा और बाढ़ खत्म होते ही पुनः यह अपने स्थान पर आ जाएगा. इसमें शयन कक्ष, रसोई घर, स्नानागार, शौचालय भी बनाया जा रहा है. साथ ही ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि जो गंदा पानी अथवा जो भी कचरा यहां से निकले वह नदी में न जाए ताकि नदी भी प्रदूषित न हो. इस घर की लागत तकरीबन 6 लाख रुपये है. यह घर बनाकर तैयार हो जाता है तो प्रशासन के सहयोग से इसे तैरता हुआ एम्बुलेंस रेस्क्यू सेंटर अथवा किसी अन्य उपयोग में लिया जा सकता है जिससे कि बाढ़ में फंसे लोगों की मदद हो सके योजना है कि भविष्य में इसके लागत को और भी काम किया जाए और अधिकतम 2 लाख रुपये के खर्च में इस तरह का तैरता हुआ घर बनाया जा सके.

वीडियो : 








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