किसानों के एक गुट ने निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट के गेट को किया जाम, कार्य प्रभावित ..

निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट का गेट जाम किए जाने से वहां काम करने वाले श्रमिक वापस लौट गए और निर्माण काम शुरु नहीं हो सका.  किसानों के द्वारा थर्मल पावर प्लांट के समक्ष बिना अनुमति के ही धरने पर बैठ जाने की बात सामने आते ही भारी संख्या में पुलिस बल के साथ अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार मिश्र मौके पर पहुंच चुके हैं.






- बिना कार्य की यही गेट से लौट गए मजदूर
- गेट जाम की जाने की सूचना पर दलबल के साथ पहुंचे अनुमंडल पदाधिकारी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के चौसा में निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट के समक्ष किसानों के एक गुट ने मुख्य द्वार को घेर कर अपना धरना शुरु कर दिया है. ऐसा तब हो रहा है जब परियोजना प्रभावित किसानों की समन्वय समिति की एक बैठक जिला स्तरीय पदाधिकारी व कंपनी के अधिकारियों के साथ हुई थी और पावर प्लांट के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने की बात कही गई थी. निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट का गेट जाम किए जाने से वहां काम करने वाले श्रमिक वापस लौट गए और निर्माण काम शुरु नहीं हो सका.  किसानों के द्वारा थर्मल पावर प्लांट के समक्ष बिना अनुमति के ही धरने पर बैठ जाने की बात सामने आते ही भारी संख्या में पुलिस बल के साथ अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार मिश्र मौके पर पहुंच चुके हैं और किसानों से बात करने का प्रयास कर रहे हैं.

दरअसल, चौसा में निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट के प्रभावित किसानों के अलग-अलग गुटों के द्वारा अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर को लेकर लगातार थर्मल पावर प्लांट के निर्माण का विरोध हो रहा है. पहले तो किसान उचित मुआवजे की मांग को लेकर अड़े हुए थे लेकिन बाद में मामला एल ए आर कोर्ट में चले जाने के बाद किसान क्षेत्र के विकास में एसटीपीएल के योगदान तथा अन्य मुद्दों को लेकर विरोध कर रहे हैं. हालांकि, किसानों के बीच से ही बुद्धिजीवी वर्ग के कुछ लोगों के द्वारा एक समन्वय समिति का निर्माण किया गया जिसमें एसटीपीएल व प्रशासन के अधिकारी भी शामिल हैं. समन्वय समिति की बैठक भी हुई जिसमें देश हित में थर्मल पावर प्लांट के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने की बात पर सहमति बनी और क्षेत्र के विकास के लिए कंपनी की तरफ से किए गए वादों को पूरा कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष ही कंपनी के अधिकारियों से सकारात्मक वार्ता की गई.  

19 अक्टूबर को होनी थी समन्वय समिति की बैठक : 

समन्वय समिति में शामिल किसानों के एक बुद्धिजीवी वर्ग ने पिछले ही दिनों समाहरणालय सभागार में आयोजित बैठक में शामिल होकर यह कहा था कि 19 अक्टूबर को एक बार फिर समन्वय समिति की बैठक हो जिसमें थर्मल पावर प्लांट के अधिकारी यह बताएं कि जो वादे उन्होंने किए थे उनमें से कितने पूरे हुए और जो नहीं पूरे हुए उन्हें कब तक पूरा किया जाएगा. अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने भी कंपनी के अधिकारियों को चेतावनी भरे लहजे में यह कहा था कि क्षेत्र के विकास में जो वादे किए गए हैं वह वादे कंपनी को पूरे करने ही होंगे. कंपनी के अधिकारियों को लिखित रूप में कुछ सवाल दिए गए थे जिनके जवाब के साथ कंपनी के अधिकारी 19 अक्टूबर को पुन: बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचने वाले थे. लेकिन तब तक किसानों के एक दूसरे गुट ने थर्मल पावर प्लांट के गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. समाचार लिखे जाने तक किसान निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट की गेट पर ही बैठे हुए हैं.






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