18 फरवरी को बक्सर में होगा सनातन धर्म महासम्मेलन, पहुंचेंगे पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ..

कहा कि आज हमारा सनातन धर्म ही संकट में है. हमारा सनातन धर्म मुगलकाल और ब्रिटिश काल में भी संकट की दौर से गुजरा है. मध्यकाल के अवतारी मनीषी संत तुलसीदास, रामानन्द, कबीरदास, रैदास, सूरदास, मीराबाई, गुरू नानकदेव, श्रीचन्द्र जैसे अनगिनत महापुरूषों ने अपनी महान साधना और तपोबल से मुगलों को मुंहतोड़ जबाव दिया.

 








- सभी सनातनधर्मी होंगे आमंत्रित, भव्य होगा कार्यक्रम
- कार्यक्रम की रूपरेखा को लेकर की गई बैठक

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : देश भर में हो रहे सनातन धर्म विरोध का प्रतिकार करने और सनातन धर्म की विश्वव्यापी सत्ता को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से वसुधैव कुटुम्बकम् परिषद ट्रस्ट द्वारा बक्सर में सनातन धर्म महासम्मेलन आयोजित करने का संकल्प लिया गया है. यह बैठक 18 फरवरी 2024 को आयोजित होगी. इस बाबत एक बैठक का आयोजन स्थानीय होटल वैष्णवी क्लार्क इन में हुआ जिसमें जानकारी देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ए एन त्रिवेदी ने कहा कि सनातन धर्मी होने के नाते हमारी चेतना स्वतः स्फूर्त हुई है कि जीवन के उत्तरार्द्ध में होने के बावजूद यह उचित नहीं है कि हम अपने धर्म विरोध को सहते रहें. हमें धर्म रक्षा के प्रति निज कर्तव्य का पालन अवश्य करना चाहिए. क्योंकि शास्त्र का कहना है कि धर्मो रक्षति रक्षितः अर्थात् जो धर्म की रक्षा करता है. धर्म उसकी रक्षा अवश्य करता है. 

बैठक के दौरान महासम्मेलन तैयारी समिति बक्सर के अध्यक्ष आचार्य छविनाथ त्रिपाठी ने कहा कि आज हमारा सनातन धर्म ही संकट में है. हमारा सनातन धर्म मुगलकाल और ब्रिटिश काल में भी संकट की दौर से गुजरा है. मध्यकाल के अवतारी मनीषी संत तुलसीदास, रामानन्द, कबीरदास, रैदास, सूरदास, मीराबाई, गुरू नानकदेव, श्रीचन्द्र जैसे अनगिनत महापुरूषों ने अपनी महान साधना और तपोबल से मुगलों को मुंहतोड़ जबाव दिया. वर्तमान में सनातन धर्म का विरोध छुद्र संकल्प की पूर्ति के लिए और चुनाव में स्वार्थ साधने के लिए समाज को जाति धर्म ऊंच-नीच वर्ण वर्ग के भेद भाव से भ्रमित कर समाज को खण्ड खण्ड में विखण्डित करने की बड़ी साजिश हो रही है. देश के प्रधानमंत्री ने भी इसकी पुष्टि की है और आह्वान करते हुए कहा कि सनातन धर्मियों सावधान हों क्योंकि सनातन विरोध की बड़ी साजिश रची जा रही है.

प्रवक्ता हृदय नारायण झा ने कहा कि अनादिकाल से समाज संयुक्त रहा है सभी जाति धर्म वर्ण वर्ग के लोग गाँव समाज में एकात्म होकर परस्पर मैत्री, सेवा, त्याग, सहयोग की भावना से समरस समाज में उन्नति के शिखर को छूते रहे. आज पुनः सनातनधर्मियों को एकात्म होकर धर्म रक्षा के लिए तैयार होने की जरूरत है.

जगद्‌गुरू शंकाराचार्य पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने महासम्मेलन में आने की स्वीकृति प्रदान कर दी है. उन्हीं के कार्यकम के अनुसार आगामी 18 फरवरी 2024 को महासम्मेलन का आयोजन बक्सर के किला मैदान में करने का निर्णय लिया गया है. इसी उद्देश्य से हमारी भावना है कि इस महासम्मेलन में सम्पूर्ण बक्सर के सनातनधर्मियों का सम्मेलन हो और शंकराचार्य से मार्गदर्शन प्राप्त कर हम आगे की ऐसी रणनीति बनायें ताकि अतीतकाल से आसुरी शक्तियों को मिटाने के लिए विश्वविख्यात महर्षि विश्वामित्र की धरती से भारत के सभी राज्यों सहित विश्व भर में यह संदेश जाये कि सनातन धर्म विरोधियों को मुंहतोड़ जबाव देने के लिए बिहार के बक्सर से जो अलख जगाा है वह विश्व समुदाय को सनातन धर्म की गौरव गरिमा और वर्तमान में भी जन जन के लिए इसकी उपयोगिता के प्रति लोगों की चेतना का जागरण हो. 

प्रेस वार्ता में परिषद् के उपाध्यक्ष वशिष्ठ नारायण चौबे, उपाध्यक्ष राजनाथ मिश्र, उपाध्यक्ष पंडित जी पाण्डेय,  प्रेम सागर कुंवर, डा० अमित मिश्रा, हरिश्चन्द्र पाठक, कल्लू मानसिंका, रोहतास गोयल, मृत्युंजय पांडेय, सैनिक संघ के पदाधिकारियों समेत कई लोग प्रेसवार्ता में सहभागी रहे.






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