प्रशासन का बुलडोजर एक्शन जारी, पांच लोगों अवैध निर्माण को किया जमींदोज ..

बताया कि अवैध कब्जा हटाने के लिए संबंधित लोगों को कई बार नोटिस  दिया गया. बावजूद इसके अवैध कब्जा नहीं हटाया गया. जिसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस बल की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गयी.





- अबकी बार जेल नहर पइन से हटाया गया अतिक्रमण
- अंचलाधिकारी निधि ज्योत्सना की देख रेख में हुई कार्रवाई

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है. जेल-पइन रोड के निर्माण कार्य में बाधा बने अवैध कब्जे पर बुलडोजर चला. इस दौरान डीएवी स्कूल से आइटीआई फील्ड तक अस्थायी कब्जा समेत कई मकानों के दीवारों पर बुलडोजर चलाया गया. जिसे लेकर अफरातफरी के माहौल बना रहा. अंचलाधिकारी निधि ज्योत्सना की देखरेख में एक टीम बनाकर जेल-पइन रोड से अवैध कब्जा हटाया गया. 

अंचलाधिकारी ने बताया कि अवैध कब्जा हटाने के लिए संबंधित लोगों को कई बार नोटिस  दिया गया. बावजूद इसके अवैध कब्जा नहीं हटाया गया. जिसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस बल की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गयी. 

अवैध कब्जा करने वालों में प्रफुल्ल चंद्र सिंह पिता शिवपूजन सिंह, वीरेंद्र सिंह सिंह पिता भुनेश्वर सिंह, वीरेंद्र सिंह पिता बदुरी सिंह, ग्लोबल इंग्लिश के द्वारा भी अवैध अतिक्रमण किया गया था. जिस कारण सड़क निर्माण कार्य में गतिरोध पैदा हो रहा था. 

सरकारी जमीन के अतिक्रमण के कारण सड़क का निर्माण कार्य बाधित :

यहां बता दें कि तकरीबन 14 करोड़ की लागत से बनने वाली 1.5 किमी लंबी जेल- पइन रोड का निर्माण कार्य जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के आदेश के बाद शुरु हुआ है. जबकि सितंबर माह में ही जिलाधिकारी ने नगर की इस बाइपास सड़क का निर्माण कार्य शुरु कराने का आदेश पथ निर्माण विभाग को दिया था. मगर एक माह बाद भी निर्माण कार्य अधर में लटका है. लिहाजा तोड़ी गई सड़क व नाला निर्माण के लिये खोदे गए गढ्ढे नगरवासियों के लिये आफत बन गए हैं. आए दिन लोग गड्ढों में गिरकर घायल होते रहते हैं. नाला निर्माण के लिये खोदे गये गढ्ढे से सड़क के किनारे बने मकानों में आने-जाने का रास्ता अवरुद्ध है. लोग अपने घरों में आने-जाने के लिये खोदे गये गढ्ढे पर बांस व पटरा रखे हैं. वही सड़क पर ऑटो व रिक्शा से सफर करना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है. यह दिक्कत शहरवासी जुलाई माह से झेल रहे हैं.

दो माह तक मापी के पेंच में फंसा रहा सड़क निर्माण: 

प्रशासनिक अधिकारियों के समन्वय की कमी के कारण जेल-पइन रोड का निर्माण कार्य दो माह तक मापी के पेंच में फंसा रहा. अतिक्रमण के कारण निर्माण कार्य में विलंब होते चले गया. निर्माण कार्य से पहले सरकारी जमीन की मापी कराने व अतिक्रमण हटाने को लेकर सदर अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्र से लेकर जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल को इस सड़क पर उतरना पड़ा. द्वय पदाधिकारियों ने सड़क का मुआयना कर अंचलाधिकारी निधि ज्योत्सना को मापी कराकर सरकारी जमीन चिन्हित कर उसे अतिक्रमणमुक्त करने का निर्देश देना पड़ा.






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