एयरफोर्स जवान की मौत, तिरंगे में लिपटा पहुंचा पार्थिव शरीर, सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार ..

रविवार की शाम 4 बजे  एयरफोर्स के अफसर दिवंगत जवान का पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान एयर फोर्स के साथियों ने 21 राउंड फायरिंग कर अंतिम सलामी दी. जिसके लिए बिहटा से एयरफोर्स के सैनिक पहुंचे हुए थे.







- जिले के सरेंजा गांव निवासी थे दिवंगत जवान
- गॉड ऑफ़ ऑनर देने बिहटा से पहुंची थी एयरफोर्स जवानों की टुकड़ी

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले के सरेंजा गांव निवासी एयरफोर्स कर्मी की ड्यूटी के दौरान हृदय घाट से मौत हो गई थी. रविवार को दिवंगत का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ पैतृक गांव पहुंचा, जिसे देखने के लिए गांव में लोगो की भीड़ इकट्ठा हो गई. परिजनों और गांव के लोगों की मौजूदगी में चौसा श्मशान घाट पर गॉड ऑफ ऑनर के बीच परिजनों ने अंतिम संस्कार किया. इस दौरान लोगों ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी. भारत माता की जय के गगनभेदी नारे भी लगाए.

बता दें राजपुर थाना क्षेत्र के सरेंजा गांव  निवासी स्व.रामनीहोरा प्रसाद का 55 वर्षीय बेटा ललन प्रसाद चंडीगढ़ एयरफोर्स में जूनियर वारंट आफिसर के पद पर तैनात थे. शनिवार को अचानक हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई. वह अपनी पत्नी और दो बेटे के साथ चंडीगढ़ में ही रहते थे. वहां सेना ने कागजी करवाई के बाद उनके पार्थिव शरीर लेकर रविवार को दोपहर पैतृक गांव पहुंचाया. रविवार की शाम 4 बजे  एयरफोर्स के अफसर दिवंगत जवान का पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान एयर फोर्स के साथियों ने 21 राउंड फायरिंग कर अंतिम सलामी दी. जिसके लिए बिहटा से एयरफोर्स के सैनिक पहुंचे हुए थे.

दिवंगत ललन प्रसाद पांच भाईयो में सबसे बड़े थे.1988 में इनकी नौकरी एयरफोर्स में लग गई जबकि चार भाई अपने पैतृक गांव में ही खेती बारी और बर्तन आदि का बिजनेस करते थे. ललन प्रसाद की पहली पोस्टिंग दिल्ली हुई थी. वहीं, तीन साल से चंडीगढ़ में थे, जहां पत्नी के साथ इनके दो बेटे रत्नेश, 30 वर्षीय विक्रांत और दूसरा बेटा 28 वर्षीय प्रशांत किशोर, रहता था, जिसमे रत्नेश विक्रांत की शादी कर चुके है जबकि प्रशांत किशोर की शादी अभी नहीं हुई है.




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