वंदे भारत एवं राजधानी जैसे पूजा स्पेशल ट्रेन चलकर यात्रियों की सहूलियत देने की बात कही गई थी लेकिन, दर्जनों ट्रेनें भी कम पड़ गई हैं. आलम यह है कि सामान्य ट्रेनों से लेकर पूजा स्पेशल ट्रेनों के शौचालय से लेकर ट्रेनों के पायदान पर खड़ा होकर यात्रा करने को लोग मजबूर हैं.
- छठ महापर्व में देश के कोने कोने से घर आने वाले बिहारियों को करना पड़ा रहा है भारी परेशानियो का सामना
- ट्रेनों में भेड़-बकरियों की तरह यात्रा करने को मजबूर हुए परदेशी
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नहाय-खाय के साथ आज से चार दिवसीय लोक लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत हो गई है. देश के कोने-कोने में रहने वाले बिहार एवं उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में अपने घर पहुंच रहे हैं. संसाधनों के आभाव में ट्रेनों में भेड़-बकरियों की तरह यात्रा करने को लोग मजबूर है. इस छठ महाव्रत को लेकर रेल मंत्रालय के द्वारा कई बड़ी घोषणाएं की गई थी, वंदे भारत एवं राजधानी जैसे पूजा स्पेशल ट्रेन चलकर यात्रियों की सहूलियत देने की बात कही गई थी लेकिन, दर्जनों ट्रेनें भी कम पड़ गई हैं. आलम यह है कि सामान्य ट्रेनों से लेकर पूजा स्पेशल ट्रेनों के शौचालय से लेकर ट्रेनों के पायदान पर खड़ा होकर यात्रा करने को लोग मजबूर हैं.
अलग अलग राज्यो से छठ पूजा में घर लौट रहे बिहारियों ने भारत सरकार के रेल मंत्रालय पर जमकर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि चार महीने पहले पूजा में घर आने के लिए ट्रेनों में सीट बुक कराई थी. उसके बाद भी शौचालय में खड़े होकर आ रहे हैं. पूजा स्पेशल के नाम पर जो ट्रेन चलाई जा रही हैं वह 10 घण्टे की यात्रा 21 घण्टे में पूरा करा रही हैं. यह तो रेल मंत्रालय की नाकामी है कि पैसा भी दो और शौचालय में खड़े होकर यात्रा करो. 24 घण्टे से आदमी शौचालय और मूत्रालय का प्रयोग भी नहीं कर पाया है.
गौरतलब है कि बिहार एवं उतरप्रदेश में लोग बड़े ही धूम-धाम के साथ इस महाव्रत को लोग हैं. लोक आस्था के इस महाव्रत के प्रति बिहारियों का इतना लगाव है कि वह दुनिया के चाहे किसी कोने में क्यों न हो इस महाव्रत को जरूर करते हैं.
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