ज्ञान का दान सर्वोत्तम : आचार्य

भोजन करने के 10- 12 घंटे के पश्चात् उसे दोबारा भूख लग जाती है पानी का दान यादि किसी को दिया जाए तो पीने के 6-7 घंटे के बाद उसे दोबारा प्यास लग जायेगी किन्तु यदि किसी को ज्ञान का दान दिया जाए तो वो उसके साथ जीवनपर्यंत जाता है.










- 16 वें प्रिया-प्रियतम महोत्सव में डॉक्टर पुंडरीक शास्त्री ने कही बात
- कहा - जीवन पर्यंत रहता है ज्ञान का दान

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : श्री सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम नया बाज़ार बक्सर में श्रीमन्नारायण दास भक्तमाली मामाजी की पुण्य स्मृति में आयोजित सोलहवें प्रिया-प्रियतम महोत्सव में भागवत कथा के क्रम में चौथे दिन डॉ पुंडरीक शास्त्री जी ने कहा कि इस दुनिया में सबसे श्रेष्ठ ज्ञान दान का ज्ञान है .क्योंकि अगर की किसी व्यक्ति को भोजन का दान दिया जाए तो भोजन करने के 10- 12 घंटे के पश्चात् उसे दोबारा भूख लग जाती है पानी का दान यादि किसी को दिया जाए तो पीने के 6-7 घंटे के बाद उसे दोबारा प्यास लग जायेगी किन्तु यदि किसी को ज्ञान का दान दिया जाए तो वो उसके साथ जीवनपर्यंत जाता है, इसीलिए ज्ञान की ही महिमा का सर्वत्र वर्णन शास्त्रों में किया गया है.

कथा के क्रम में उन्होंने बताया दिन बीत जाता है काम करने में और रात सोने में बीत जाता है किंतु भागवत कथा को सुनना, कीर्तन करना और स्मरण करने में जीवन बिताना चाहिए यही जीवन का अर्थ है कथा सदा सर्वथा लोकहितकारी है जिस प्रकार ग्रंथ की प्रस्तवान पेटिका से पता चल जाता है कि ग्रंथ कितना उत्तम है. उसी प्रकार से वक्ता के संबोधन मात्र से ही उसके उसके भाषण के विषय वस्तु का पता चल जाता है इसलिए बोलते समय सदा शब्दों का ध्यान रखना चाहिए. भारत अर्थात भा माने प्रकाश रत यानी उसमे रहने वाला सदैव ज्ञान के प्रकाश में रहने वाले स्थान को ही भारत कहते है.
















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