समाहरणालय सड़क का नाम प्रोफेसर एसके मिश्रा सड़क करने की मांग ..

कहा कि एक नेता के नाम पर तो कई सड़कों के नाम हैं पर एक शिक्षक के नाम पर एक भी नहीं है. जबकि सही मायने में एक शिक्षक ही समाज की दशा और दिशा का निर्धारण कराता हैं. 









- जयंती पर सम्मान समारोह आयोजित कर याद किए गए प्रोफेसर एसके मिश्रा
- वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति हुए शामिल, दिवंगत प्राध्यापक को किया नमन

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : प्रसिद्ध गणितज्ञ प्रो एस के मिश्रा की 80 वीं जयंती प्रोफेसर एसके मिश्रा फाउंडेशन के समाहरणालय रोड स्थित कार्यालय में  सम्मान समारोह के तौर पर मनाई गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के कुलपति शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी कुलपति ने की. जबकि मंच संचालन सुरेन्द्र कुमार सिंह जी ने किया. मौके पर दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राध्यापक तथा कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर अखिलेश दूबे एवं सीनेट सदस्य संतोष तिवारी एवं उपेन्द्र गौतम रहे. वक्ताओं ने प्रोफेसर एसके मिश्रा के व्यक्तित्व तथा कृतित्व को याद करते हुए यह कहा कि प्रशासन और सरकार को दिवंगत प्रोफेसर एसके मिश्रा को सम्मान देते हुए समाहरणालय सड़क का नाम उनके नाम पर कर देना चाहिए.

कुलपति उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शिक्षक को यथोचित सम्मान मिलना चाहिए इनके नाम पर महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय में प्रशासनिक भवन तो बना हैं परंतु अभी तक उसे पर उनका नाम नहीं लिखा हुआ है ऐसे में प्राचार्य को तुरंत नाम लिखने के लिए आदेशित किया जाएगा. 

प्रोफेसर अखिलेश दूबे ने कहा कि मैं इसी मिट्टी में पला बढ़ा हूँ. प्रोफेसर एसके मिश्रा मेरे गुरु रहे हैं. उन्होंने मुझे पढ़ाया तब आज मैं देश की सर्वोच्च विश्वविद्यालय में कार्यरत हूँ. यह उन्ही की देन हैं. उन्होंने कहा कि मैं बक्सर जिला प्रशासन एवं सरकार से यह मांग करता हूँ कि ऐसे योग्य शिक्षक की श्रद्धांजलि स्वरुप उनके आवास से होकर गुजरने वाली समाहरणालय सड़क का नाम प्रोफेसर एक के मिश्रा के नाम पर कर दिया जाए.

उन्होंने कहा कि एक नेता के नाम पर तो कई सड़कों के नाम हैं पर एक शिक्षक के नाम पर एक भी नहीं है. जबकि सही मायने में एक शिक्षक ही समाज की दशा और दिशा का निर्धारण कराता हैं. सीनेट सदस्य संतोष तिवारी ने कहा कि यहां के शिक्षक ही एक दूसरे को नीचे दिखाने में लगे रहते हैं. जबकि उनका मूल कार्य पढ़ाना हैं. इसी कार्य से उन्हें आदर और सम्मान मिलेगा. प्राचार्य को सबको साथ लेकर चलना चाहिए. 

उपेंद्र गौतम ने अपने उद्गार वक्त करते हुए कहा कि आज भी प्रोफेसर एसके मिश्रा के व्यक्तिव और व्यवहार को शिक्षक को आत्मसात करने की आवश्यकता हैं. अगर आत्मसात कर लिए तो शिक्षक को छात्र हर हाल में सम्मान देगा ही. मैंने प्रोफेसर एसके मिश्रा को आज तक किसी छात्र को दूर से प्रणाम करते हुए नहीं देखा सबों ने पैर छूकर ही आशीर्वाद लिया था. उनका व्यवहार और व्यक्तित्व सार्वदेशिक एव सर्वकालिक था. "ना भूतो ना भविष्यति .."

संस्थान के अध्यक्ष प्रोफेसर सुरेन्द्र कुमार सिंह जी ने उनको याद करते हुए उनको अजातशत्रु बताया. अंत में धन्यावाद ज्ञापन महाविद्यालय के पुस्तकालय अध्यक्ष दया शंकर त्रिपाठी ने किया. सभी आगंतुकों का स्वागत गोलू तिवारी ने किया.

शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ अमित मिश्रा ने कहा कि कुलपति प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी के नेतृत्व में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय दिन-दूना, रात-चौगुना उन्नति कर रहा हैं. ऐसे कुलपति यदि हो तो कोई समस्या ही नहीं रहेगी सारे सत्र रेगुलर हो गए हैं. प्रोन्नति का कार्य भी पूर्ण हो चला हैं. यह सब हमारे कुलपति प्रो चतुर्वेदी जी की ही देन हैं.
















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