विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान बक्सर में आवासित 5 माह की बालिका को जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल के द्वारा विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश) के दंपति को दिया गया. बालिका को लगभग पांच माह पूर्व परित्यकत अवस्था में पाया गया था.
- दत्तक ग्रहण संस्थान की मदद से अपने नए अभिभावकों से मिली बच्ची
- लगभग पांच माह पूर्व परित्यकत अवस्था में मिली थी बच्ची
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सड़क के किनारे लावारिस हालत में मिली एक बच्ची को दत्तक ग्रहण संस्थान की मदद से ममता की छांव मिल गई. जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान बक्सर में आवासित 5 माह की बालिका को जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल के द्वारा विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश) के दंपति को दिया गया. बालिका को लगभग पांच माह पूर्व परित्यकत अवस्था में पाया गया था. उसके जैविक माता-पिता की खोज करने हेतु समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशन करवाया गया था परंतु उसके माता-पिता का पता नहीं चल पाया. तत्पश्चात उसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के एडॉप्शन की साइट caring.wcd.gov.in पर पंजीकृत करवा दिया गया.
बालिका को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा जारी दत्तक ग्रहण विनियम 2022 के प्रावधानों के आलोक में समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर दतक ग्रहण हेतु प्रदान किया गया. आंध्र प्रदेश के दंपति के द्वारा लगभग 3 वर्ष 7 माह पूर्व बच्चा गोद लेने हेतु पंजीकरण किया गया था उनके द्वारा बालक को दत्तक ग्रहण में लेने हेतु सहमति दी गई. इसके पश्चात दत्तक ग्रहण समिति की बैठक में दंपति के द्वारा समर्पित प्रमाण पत्रों एवं दत्तक ग्रहण हेतु उनके अभिरुचि की जांच की गई और उन्हें दत्तक ग्रहण के लिए उपयुक्त पाया गया.
इसके पूर्व डीएम के न्यायालय में दत्तक ग्रहण आदेश के लिए आवेदन किया गया. जिलाधिकारी द्वारा दत्तक ग्रहण आदेश जारी करने के पश्चात ही दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण हुई जिलाधिकारी ने बच्चों को उपहार भी प्रदान किया.
इस अवसर पर जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आइसीडीएस, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग, सहायक निदेशक दत्तक ग्रहण संस्थान की समन्वयक, नर्स एवं बालिका के दत्तक माता-पिता उपस्थित थे.
ये हैं दत्तक ग्रहण के नियम :
कोई भी ऐसा दंपत्ति जिनकी शारीरिक एवं मानसिक स्थिति सुदृढ़ हो बच्चा गोद लेने के लिए पात्र हो सकता है. यदि उन्होंने कम से कम 2 वर्ष का स्थिर वैवाहिक जीवन व्यतीत किया हो तथा दत्तक ग्रहण हेतु दोनों की आपसी सहमति जरूरी है. अलग-अलग उम्र वाले दंपति को अलग-अलग उम्र के बच्चे की पात्रता होती है. बच्चा गोद लेने के लिए केंद्रीय दस्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण की वेबसाइट caring.wcd.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है. जांचोपरांत बच्चा गोद लेने के लिए पात्र माता-पिता को बच्चा गोद दिया जाता है.
हालांकि, एकल पुरुष अभिभावक को केवल लड़का गोद दिया जा सकता है जबकि एकल महिला अभिभावक लड़का एवं लड़की दोनों को गोद ले सकती है. दो संतान वाले दंपति सामान्य बालक के दत्तक ग्रहण के लिए पात्र नहीं है. वह सिर्फ विशेष आवश्यकता वाले बालकों को ही दत्तक ग्रहण कर सकते हैं. देश में किसी अन्य माध्यम से बच्चा गोद लेना और देना कानूनी अपराध है. दत्तक ग्रहण के इच्छुक दंपत्ति अविलंब केंद्रीय दतक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण की वेबसाइट caring.wcd.gov.in पर पंजीकरण करा सकता है.
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