कहा कि उनके विरुद्ध जिन लोगों ने भी अविश्वास प्रस्ताव लाया था वह उन सब के साथ मिलकर पंचायत के विकास के अधूरे कार्यों को करेंगे. उनके मन में किसी के प्रति कोई वैमनस्य नहीं है. राजनीति में यह सब चलता रहता है.
प्रमुख प्रतिनिधि को बधाई देते लोग |
- सदर प्रखंड प्रमुख के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया को न्यायालय ने ठहराया गलत
- जिला प्रशासन में मांगा है पंचायती राज विभाग से मार्गदर्शन
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : सदर प्रखंड प्रमुख फुलपातो देवी के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन के तुरंत बाद ही प्राप्त उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में फिलहाल यह माना जा रहा है कि मत विभाजन की प्रक्रिया गलत थी और अब प्रमुख की कुर्सी सुरक्षित है. इसी बीच प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि रमेश राय उर्फ मटरु राय ने कहा कि उनके विरुद्ध जिन पंचायत समिति सदस्यों के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था वह सभी नादान है और नादानी में उन्होंने इस तरह का निर्णय लिया था. हालांकि वह पहले की तरह ही जनता के किए जाने वाले विकास कार्यों के प्रति समर्पित भाव से कार्य करते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि उनके विरुद्ध जिन लोगों ने भी अविश्वास प्रस्ताव लाया था वह उन सब के साथ मिलकर पंचायत के विकास के अधूरे कार्यों को करेंगे. उनके मन में किसी के प्रति कोई वैमनस्य नहीं है. राजनीति में यह सब चलता रहता है लेकिन ना तो उनके मन में किसी के प्रति वैर भाव है और ना ही वह चाहते हैं कि कोई भी पंचायत समिति सदस्य मन में कोई भी द्वेष पाले.
यहां बता दें कि सदर प्रखंड प्रमुख फुलपातो देवी के विरुद्ध उमरपुर की पंचायत समिति सदस्य शोभाना कुमारी के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था जिस पर शुक्रवार को मत विभाजन हुआ लेकिन तब तक फुलपातो देवी के द्वारा पटना उच्च न्यायालय में दायर किए गए मामले में यह फैसला आया कि पंचायती राज विभाग के जिस अधिनियम का हवाला देते हुए मत विभाजन के लिए तिथि निर्धारित की गई है वह अधिनियम पूर्व में ही समाप्त हो चुका है. साथ ही न्यायालय ने 8 फरवरी को पंचायती राज विभाग के द्वारा जारी एक पत्र का भी हवाला न्यायालय ने दिया है. ऐसे में जिला प्रशासन के अधिकारी यह मान रहे हैं कि मत विभाजन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई लेकिन उन्होंने पंचायती राज विभाग से मार्गदर्शन मांगा है. जिसके आने के बाद आगे के कार्रवाई होगी.
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