मनमानी कर वसूली का सड़क पर विरोध करेगा कांग्रेस व्यवसायिक प्रकोष्ठ ..

बताया कि पूर्व में घोषित बाजारों की चाहरदीवारी में ही नगर परिषद द्वारा सैरात की बंदोबस्ती की जाती थी तथा ठेकेदारों द्वारा कर की वसूली की जाती थी, लेकिन वर्तमान में पूरे नगर में इस तरह की वसूली ठेकेदार द्वारा प्रतिदिन जबरदस्ती फुटपाथी दुकानदारों से की जा रही है.












- कांग्रेस व्यवसायिक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष ने दी चेतावनी
- फल, सब्जी दुकानदारों एवं ठेला चालकों से की जा रही वसूली

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर परिषद के द्वारा सब्जी, फल दुकानदारों एवं ठेला चालकों से हो रही मनमानी वसूली पर कांग्रेस व्यावसायिक कमिटी के अध्यक्ष राम नारायण ने विरोध जताया है एवं यह कहा है कि इसके विरुद्ध सड़कों पर उतरकर विरोध किया जाएगा.

राम नारायण ने कहा कि विभिन्न माध्यमों से पता चला है कि पिछले दो-तीन दिनों से नगर परिषद बक्सर द्वारा ठेकेदारी के माध्यम से नगर में फुटपाथ पर जीवन बसर कर रहे दुकानदारों से सैरात (कर) वसूली की जा रही है, जिससे फल सब्जी और नाश्ता इत्यादि विक्रेताओं से 10 रुपये प्रतिदिन और मांस मछली दुकानदारों से 50 रुपये प्रतिदिन की मनमानी वसूली की जा रही है.

उन्होंने बताया कि पूर्व में घोषित बाजारों की चाहरदीवारी में ही नगर परिषद द्वारा सैरात की बंदोबस्ती की जाती थी तथा ठेकेदारों द्वारा कर की वसूली की जाती थी, लेकिन वर्तमान में पूरे नगर में इस तरह की वसूली ठेकेदार द्वारा प्रतिदिन जबरदस्ती फुटपाथी दुकानदारों से की जा रही है, कई जगह फुटपाथी दुकानदारों ने इस अवैध कर वसूली का विरोध भी किया है, बक्सर जिला कांग्रेस कमिटी व्यवसायिक प्रकोष्ठ इस कृत्य की कड़ी भर्त्सना करती है तथा नगर परिषद बक्सर को ये चेतावनी देती है की इस तरह की मनमानी वसूली को तत्काल प्रभाव से बंद करे अन्यथा हमे सड़क पर उतर कर इस आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा तथा फलस्वरूप तमाम फुटपाथी दुकानदारों के आक्रोश के लिए वे सभी जिम्मेदार होंगे.

यहां बता दें कि फुटपाथ दुकानदार (आजीविका संरक्षण एवं विनियमन अधिनियम) 2014 के आलोक में फुटपाथी दुकानदारों से संबंधी किसी निर्णय को लेने अथवा लागू करने के पूर्व टाउन वेंडिंग कमिटी की संस्तुति लेना आवश्यक है, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद बक्सर के अगुवाई में आठ फुटपाथी दुकानदारों समेत 21 सदस्यों की यह कमिटी नगर में वर्तमान में गठित और कार्यरत है, हालांकि कमिटी का यह कहना है कि उनसे किसी प्रकार का विमर्श इस बारे में नही किया गया है.










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