वीडियो : टिकट कटने के सवाल पर अश्विनी चौबे ने तोड़ी चुप्पी, कहा - मेरा क्या कसूर?

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बयान के बाद यह बात तो स्पष्ट हो गई है कि उनके मन में बक्सर के प्रति अभी भी लगाव है और यहां से टिकट काटने का उन्हें अफसोस भी है लेकिन अब देखने वाली बात यह होगी कि वह पार्टी के इस निर्णय को लेकर आगे किस तरह की रणनीति बनाते हैं और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व बक्सर को लेकर आगे किस तरह का फैसला करता है.














- कहा - बक्सर का हूं और बक्सर का ही बनकर रहूंगा
- छात्र आंदोलन की स्वर्ण जयंती के मौके पर जेपी को किया नमन


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : "मेरा कसूर क्या है ? यह तो बताओ. मैं 1966 से लगातार संघर्ष कर रहा हूं. 58 साल की तपस्या है मेरी. मेरा क्या कसूर है? मेरा कसूर यही है कि मैं सक्रिय राजनीति में पूरी तरीके से हिंदुस्तान के अंदर सक्रियता से बना रहा. ये बातें केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बक्सर से टिकट कटने के सवाल पर कही. उन्होंने कहा कि मैं नाराज नहीं हूं. मैं बाहर का नही हूं मैं बक्सर का हूं, बक्सर का ही बनकर कर रहूंगा. 

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे सोमवार को दिल्ली से पटना पहुंचे. एयरपोर्ट पर पहुंचने के उपरांत बक्सर आरा, भागलपुर, कैमूर सासाराम, मुजफ्फरपुर दरभंगा, सीतामढ़ी, मधुबनी पटना, अरवल, नवगछिया सहित बिहार के विभिन्न जिलों से आए बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं. मैं नाराज नहीं हूं पार्टी ने बहुत कुछ दिया. बक्सर के लिए मैंने हर संभव कदम उठाए. बक्सर सदैव मेरे दिलों में रहेगा. बक्सर नहीं छोड़ रहा हूं. 

पंक्तियों में बयां किया अपमान का दर्द : 

उन्होंने एक दोहे की पंक्ति...
"मान सहित विष पीय के, संभु भये जगदीस।
बिना मान  अमृत पिये, राहु  कटायो  सीस॥" 
के माध्यम से अपनी भावनाएं प्रकट की. उन्होंने कहा कि एक बार फिर केंद्र में नरेंद्र भाई की सरकार बनेगी. सीटों की संख्या 400 पार होंगी.  मैं गिरगिट की तरह रंग बदलने  वाला नहीं हूं, हम शेर की तरह दहाड़ने वाले हैं. उन्होंने कहा कि हम सक्रिय राजनीति मे बने रहेंगे.  लोग कयास लगा रहे थे कि मुझे टिकट नहीं मिला है तो हम राजनीति छोड़ देंगे, लेकिन ऐसा नहीं है. मैं राजनीति में सक्रिय रहूंगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद मेरे उपर है. मैंने कभी अपने लिए या परिजन के लिए हाथ नहीं फैलाया है. मैं सदा राष्ट्र के लिए लगा रहा हूँ. 

भाजपा के लिए सबकुछ न्योछावर : 

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि, "14 साल तक भगवान राम वनवास गए थे, जो गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं मैं उनकी तरह रंग बदलने वाला नहीं हूं..हम भीगी बिल्ली की तरह नहीं हैं. भाजपा हमारी मां है, भाजपा ने सबकुछ दिया है. पार्टी के लिए सब कुछ न्योछावर है." 

जेपी का सेनानी हूँ, संघर्ष से नहीं हटूंगा पीछे : 

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे एयरपोर्ट से निकलकर सीधे कदम कुआं पटना स्थित लोकनायक जयप्रकाश आवास पहुंचे. वहां उन्होंने जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि 8 अप्रैल 1974 को छात्र आंदोलन के समर्थन पर जेपी पटना के सड़कों पर मौन धारण का चले थे. आज उसकी स्वर्ण जयंती है. मैं जेपी का सेनानी हूं. इस पर मुझे गर्व है. मैं संघर्ष से पीछे हटने वाला नहीं हूं.

चौबे के बाद तिवारी को नहीं पचा पा रहे लोग :

यहां बता दें कि बक्सर से दो बार सांसद रहे अश्विनी कुमार चौबे का टिकट काटकर बैकुंठपुर से विधायकी का चुनाव हारे हुए मिथिलेश तिवारी को टिकट दे दिया गया है. मिथिलेश तिवारी को टिकट मिलने के बाद न सिर्फ बाहर बल्कि पार्टी के अंदर भी विरोध के स्वर काफी तेज हैं. ऐसे में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बयान के बाद यह बात तो स्पष्ट हो गई है कि उनके मन में बक्सर के प्रति अभी भी लगाव है और यहां से टिकट कटने का उन्हें अफसोस भी है, लेकिन अब देखने वाली बात यह होगी कि वह पार्टी के इस निर्णय को लेकर आगे किस तरह की रणनीति बनाते हैं और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व बक्सर को लेकर आगे किस तरह का फैसला करता है.

वीडियो : 











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