आदिनाथ अखाड़ा में पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ यज्ञ, शामिल हुए सांसद सह नाथ संप्रदाय के मठाधीश्वर बाबा बालक नाथ ..

बच्चों को जन्म के बाद जब आप बोलना, चलना सीखाते हैं उसी के साथ ही संस्कार भी देना शुरू कर दें जब बच्चे सुसंस्कृत होंगे तभी परिवार में खुशहाली रहेगी और आपका जीवन सुखमय बना रहेगा. उक्त बातें राजस्थान के अलवर  से भारतीय जनता पार्टी के सांसद और नाथ संप्रदाय के मठाधीश्वर बाबा बालकनाथ ने आदिनाथ अखाड़ा स्थित यज्ञ के अंतिम दिन अपने संबोधन में उपस्थित श्रद्धालुओं से कही. 



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-बाबा बालक नाथ ने कहा, संस्कार की कमी से जीवन में है संकट 
-भव्य भंडारे के साथ साथ यज्ञ की हुई पूर्णाहुति.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : आज लोगों का जीवन कष्टमय बनता जा रहा है. शादी के लिए अच्छा रिश्ता ढूंढना भी कठिन बन गया है. शादी के बाद भी भविष्य को लेकर लोगों में डर बना रहता है, परिवार में समरसता नहीं देखने को मिल रही है. इसका मुख्य कारण है कि परिवार के सदस्य मर्यादाओं का पालन नहीं कर रहे हैं जिसके चलते हमारा जीवन संकट में चला गया है. बच्चों को जन्म के बाद जब आप बोलना, चलना सीखाते हैं उसी के साथ ही संस्कार भी देना शुरू कर दें जब बच्चे सुसंस्कृत होंगे तभी परिवार में खुशहाली रहेगी और आपका जीवन सुखमय बना रहेगा. उक्त बातें राजस्थान के अलवर  से भारतीय जनता पार्टी के सांसद और नाथ संप्रदाय के मठाधीश्वर बाबा बालकनाथ ने आदिनाथ अखाड़ा स्थित यज्ञ के अंतिम दिन अपने संबोधन में उपस्थित श्रद्धालुओं से कही. 

उन्होंने कहा कि बक्सर का नाम कई बार सुनने को मिला तथा इसके महत्व के बारे में पहले से जानकारी है लेकिन पहली बार यहां आने का सौभाग्य मिला है.  महामंडलेश्वर शीलनाथजी महाराज एवं भक्तों को धन्यवाद देते हुए कहा की महामंडलेश्वर के सानिध्य में सात दिवसीय अनुष्ठान, भगवान आदिनाथ एवं अन्य देवी देवताओं की मूर्तियों की स्थापना तथा महान यज्ञ का आयोजन किया गया. उन्होंने कहा की मठ के महंत के पद पर तो महामंडलेश्वर पूर्व से ही आसीन है लेकिन नाथ संप्रदाय की ओर से उन्हें चादर ओढ़ा कर इसकी मैं संपुष्टि करता हूं.

उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में अद्भुत शक्ति छिपी हुई है. भारत पर लंबे समय तक विदेशी ताकतों का शासन रहा, लगभग 1000 वर्षों तक मुगल और अंग्रेज भी शासन किए ,पूरी पृथ्वी पर एक छोटा सा देश के रूप में भारतवर्ष मौजूद है फिर भी आक्रांता लंबी गुलामी एवं क्रूरता के बावजूद भी देश की संस्कृति एवं परंपराओं को खत्म करने में सफल नहीं रहे.
इसके पूर्व यज्ञ कुंड में साधु संतों ने पूर्णाहुति दिया जिसके बाद महाभंडारा का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों भक्तों एवं श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. वहीं बुधवार की रात नवनाथ पूजा की गई जिसमें सैकड़ो नाथ संत उपस्थित थे .

सात दिवसीय आयोजित इस कार्यक्रम में महामंडलेश्वर योगी शीलनाथ जी महाराज, महंत योगी किशन नाथ जी, महंत योगी बसंत नाथ जी,  महंत योगी बालवीर नाथ जी, महंत योगी विश्वनाथ जी, महंत योगी सोमनाथ जी, महंत योगी साधु नाथ, महंत योगी दिव्यनाथ, योगी भव्य नाथ, यति धर्मनाथ, बाबा बृहस्पति नाथ, सिद्धेश्वर नाथ जी के अलावे आश्रम से  जुड़े सभी शिष्य एवं भक्तों ने सहयोग दिया.







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