रात तकरीबन 12 बजे उन्होंने फेसबुक लाइव आकर बताया कि उन्हें आज ही पार्टी से निष्कासित किया गया है लेकिन वह लालू जी के सच्चे सिपाही हैं और उन्होंने ईवीएम लदा हुआ एक ट्रक पकड़ लिया है. इस बात की सूचना जैसे ही फैली तमाम दलों के लोगों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों के कान खड़े हो गए.
-मतगणना हाल में ट्रक घुसाए जाने की दी गई थी सूचना
-जांच में मामला निकला फर्जी, युवक हिरासत में
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बाजार समिति मतगणना हॉल में ईवीएम लदा ट्रक घुसाए जाने की बात कहते हुए राष्ट्रीय जनता दल के एक पूर्व नेता ने जमकर बवाल काटा. सोमवार की रात तकरीबन 12 बजे उन्होंने फेसबुक लाइव आकर बताया कि उन्हें आज ही पार्टी से निष्कासित किया गया है लेकिन वह लालू जी के सच्चे सिपाही हैं और उन्होंने ईवीएम लदा हुआ एक ट्रक पकड़ लिया है. इस बात की सूचना जैसे ही फैली तमाम दलों के लोगों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों के कान खड़े हो गए. सभी मौके पर पहुंचे और सबके समक्ष जांच कराई गई तो ट्रक में खाली बक्से लदे हुए थे, जिनमें काउंटिंग के बाद पुनः ईवीएम को रखा जाना था. जैसे ही सच्चाई सबके सामने आई धीरे-धीरे सभी मौके से निकल गए. फिलहाल तुषार विजेता नामक युवक को पुलिस ने अपनी अभिरक्षा में रखा है.
मामले में तुषार विजेता ने बताया कि उन्हें पांडेय पट्टी निवासी गिरी यादव नामक युवक ने यह सूचना दी थी कि ट्रक में ईएवीएम लाद कर लाया जा रहा है. इस सूचना के आलोक में वह बाजार समिति गेट पर पहुंचे जहां उन्होंने ट्रक को पकड़ा. वह प्रशासनिक अधिकारियों को बुलाने की मांग कर रहे थे. जिस पर अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार मिश्र एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी धीरज कुमार मौके पर पहुंचे और सभी के सामने तुषार विजेता तथा एक अन्य व्यक्ति को ट्रक पर चढ़ाया गया. दोनों ने अपने हाथों से बक्सों को खोलकर देखा तो सभी बक्से खाली थे. बाद में तुषार ने स्वयं इस बात को स्वीकार भी किया. इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल के एक अन्य कार्यकर्ता भुट्टो खान ने भी बताया कि उन्हें भी यही जानकारी मिली थी कि ट्रक में ईवीएम लदा हुआ है, लेकिन जब वह आए और उन्होंने देखा तो सारे बक्से खाली थे. घटना की सूचना मिलने पर उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने भी मामले की जांच की. रात तकरीबन ढाई बजे मामले का पटाक्षेप हुआ.
एसडीएम ने कहा - आरोप बेबुनियाद :
इस संदर्भ में अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्र से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने कहा कि वह इस विषय में कुछ भी बताने के लिए अधिकृत नहीं हैं. हालांकि उन्होंने यह जरूर बता दिया जिस तरह के आरोप लगाए गए थे. वह सारे आरोप बेबुनियाद पाए गए.
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