भगवान श्री राम की सबसे ऊंची प्रतिमा की स्थापना से पूर्व जमीन खरीद में लाखों की ठगी ..

जब खरीददार द्वारा रैयतदार को जमीन की मापी के लिए कहा गया तो वह आनाकानी करने लगा. बाद में ज्ञात हुआ कि जिस जमीन को वह रैयती बता रहा है, वह जमीन सरकारी है जिसे अंचलाधिकारी की मदद से रैयती दिखा दिया गया है. 









- 97 बीघा 14 कट्ठा जमीन की होनी थी खरीद
- सरकारी जमीन को रैयती जमीन बताकर की ठगी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : संसदीय क्षेत्र में विश्व की सबसे ऊंची प्रभु श्रीराम की प्रतिमा स्थापित करने के पूर्व ही भू-माफिया और ठगों ने लाखों रुपयों का चूना लगा दिया. जिस 97 बीघा 14 कट्ठे की रैयती जमीन पर प्रतिमा स्थापित होने वाली थी, वह बिहार सरकार की निकली. मामले में तीन. ठगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई इनमें से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.

मामले में मिली जानकारी के राम प्रतिमा निर्माण समिति के सदस्य डुमरी निवासी सचिन कुमार, पिता - सत्येंद्र कुंवर ने चक्की गांव निवासी सिमरी के केशोपुर मलहचकिया तथा वर्तमान में सागरपाली बलिया निवासी सत्येंद्र गिरी, उसके भाई देवेंद्र प्रताप गिरी और नागेंद्र प्रताप गिरी से 97 बीघे 24 कठ्ठा के भूखंड को लेकर 69,40,000 की दर से डील तय की. आपसी सहमति से मौजा परनही फूर्द नौबरार, थाना नं. 530, अंचल सिमरी, खाता नं. 14,15,16,17, 20, 21, 21 और क्रमश प्लॉट नंबर 20, 22, 1019, 15, 14, 21 को रैयती जमीन बताकर बेचने की बात तय हुई. इसके लिए एक बार 5 हज़ार 101 रुपये और दूसरी बार में 10 लाख 51 हज़ार रुपयों की अग्रिम धनराशि भी दे दी गयी. लेकिन जब खरीददार द्वारा रैयतदार को जमीन की मापी के लिए कहा गया तो वह आनाकानी करने लगा. बाद में ज्ञात हुआ कि जिस जमीन को वह रैयती बता रहा है, वह जमीन सरकारी है जिसे अंचलाधिकारी की मदद से रैयती दिखा दिया गया है. 

इस मामले में आवेदक सचिन कुमार ने 16 अगस्त को तिलक राय के हाता ओपी थाने में FIR दर्ज कराई गई. आवेदक ने अपने आवेदन में देवेंद्र प्रताप गिरी, सत्येंद्र प्रताप गिरी और नागेंद्र प्रताप गिरी तीनों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई. इसमें पुलिस ने मामले की सत्यता जांच के बाद दो नामजदों देवेंद्र प्रताप गिरी और सतेंद्र प्रताप गिरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. आवेदक ने आरोप लगाया है कि 2018 के तत्कालीन अंचलाधिकारी आमोद कुमार ने इस भूखंड को रैयती के रूप में हस्तांतरित किया था वहीं एलपीसी भी जारी कर दिया.

क्या कहते हैं अधिकारी

एक मामला संज्ञान में आया था. 3 व्यक्तियों द्वारा एक एग्रीमेंट कर फर्जीवाड़ा किया. इस पर 16 अगस्त को इसमें एक प्राथमिकी दर्ज कराई गयी. मामले में तीन नामजदों में से दो लोगों को यूपी से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

आफाक अख्तर अंसारी,
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, डुमरांव










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