विश्वत विभागीय सूत्र बताते हैं कि सारा मामला कमीशनखोरी से जुड़ा हुआ है, जिसके कारण कनीय अभियंता से लेकर कार्यपालक पदाधिकारी तक को निर्माण कार्य की खराब गुणवत्ता और बेढंगे निर्माण को देखने तक की फुर्सत नहीं होती.
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- अव्यवहारिक निर्माण की सूचना के बाद भी जिम्मेदार लोगों ने नहीं लिया संज्ञान
- वार्ड पार्षद ने कहा - शुरू होने के बाद भी नहीं दी गई जानकारी
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर परिषद के द्वारा नगर के कोइरपुरवा-खलासी मोहल्ला के मध्य हो रहे नाली निर्माण का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. दूसरी तरफ अधिकारियों तथा जिम्मेदार व्यक्तियों की चुप्पी इस मामले को और भी संदेहास्पद बना दे रही है. ऐसा माना जा रहा है कि उनके द्वारा भ्रष्टाचार को मौन सहमति दे दी गई है. कार्यपालक पदाधिकारी ने पहले तो यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि वह नए आए हैं और बाद में फोन उठाना ही बंद कर दिया.
जानकर बताते हैं कि नगर में इन दोनों हो रहे विकास के विभिन्न कार्यों में भ्रष्टाचार चरम पर है. जहां कहीं भी निर्माण हो रहा है वहां प्राक्कलन राशि का बोर्ड ना तो काम शुरु होने के पूर्व और ना ही कार्य समाप्ति के बाद भी लगाया जा रहा है. विश्वत विभागीय सूत्र बताते हैं कि सारा मामला कमीशनखोरी से जुड़ा हुआ है, जिसके कारण कनीय अभियंता से लेकर कार्यपालक पदाधिकारी तक को निर्माण कार्य की खराब गुणवत्ता और बेढंगे निर्माण को देखने तक की फुर्सत नहीं होती.
स्थानीय गृह स्वामियों के लिए जीवन भर की समस्या :
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कामेश्वर पांडेय ने कहा कि जिस तरह से नाली का निर्माण हो रहा है उसे देखने से ही भ्रष्टाचार स्पष्ट परिलक्षित होता है. जनता के टैक्स के पैसों का दुरुपयोग यह साफ दिखाई दे रहा है. इस तरह से निर्माण किया जाना कानून संगत भी नहीं है. सबसे बड़ी बात यह है कि एक बार इस तरह से निर्माण हो जाने के बाद स्थानीय गृह स्वामियों के लिए यह जीवन भर की समस्या बन जाएगी.
निर्माण शुरु होने से पूर्व स्थल निरीक्षण करने पहुंचे मुख्य पार्षद प्रतिनिधि व अन्य |
वार्ड पार्षद को निर्माण शुरू होने की जानकारी तक नहीं दी :
वार्ड संख्या 24 के पार्षद प्रतिनिधि सरफराज अहमद ने बताया दुर्भाग्य की बात है कि जब भी किसी भी वार्ड में कार्य शुरु किया जा रहा है तो उसे वार्ड के पार्षद को जानकारी तक नहीं दी जा रही है. इस मामले में भी यही हुआ. इसके साथ ही नगर में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य होता है तो उसके देखरेख की जिम्मेदारी कार्यपालक पदाधिकारी की होती है लेकिन अब तक कार्यपालक पदाधिकारी ने भी इस मामले में यदि कोई संज्ञान नहीं लिया तो इसे क्या कहेंगे?
बहरहाल, नाला का निर्माण में हो रही व्यापक अनियमितता का यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. लेकिन जनता को अभी उम्मीद है कि संबंधित अधिकारी और प्रतिनिधि इस मामले का हल निकालेंगे ऐसे मैं देखने वाली बात यह होगी कि इस समस्या का समाधान कब तक निकलता है.
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