कहा, "बिजली कंपनी ने ऐसे मीटर लगाए हैं, जो आम लोगों की हार्टबीट से भी तेज चलते हैं. उपभोक्ता भारी बिल भरने के लिए मजबूर हैं, जबकि उनके घरों में बिजली की खपत कम हो रही है."
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- रामपुर में गधे की मौत के बाद 55 ग्रामीणों पर हुआ एफआइआर
- मुकुंदपुर गांव में जबरन स्मार्ट मीटर लगाए जाने का विरोध करने पर काट दी गई थी पूरे गांव की बिजली
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के केसठ प्रखंड के रामपुर गांव में बिजली कंपनी की लापरवाही से एक गधे की मौत के बाद कंपनी द्वारा 55 ग्रामीणों पर एफआईआर दर्ज कराने तथा जिले भर में जबरन स्मार्ट मीटर लगाए जाने विरोध में भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने ग्रामीणों और सैकड़ों समर्थकों के साथ डीएम ऑफिस का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने बिजली विभाग पर तानाशाही रवैया अपनाने और बिना किसी वैध कारण के ग्रामीणों को परेशान करने का आरोप लगाया.
भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने इस घटना के विरोध में डीएम ऑफिस पर प्रदर्शन का नेतृत्व किया. उन्होंने बिजली कंपनी की नीतियों और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए. विधायक ने कहा, "बिजली विभाग अपनी गलती को छिपाने के लिए निर्दोष ग्रामीणों को फंसा रहा है. गधे की मौत बिजली विभाग की लापरवाही का परिणाम है, लेकिन इसके बावजूद विभाग ने पोल और वायर की मरम्मत करने की बजाय 55 ग्रामीणों पर एफआईआर दर्ज करा दी है." उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी जबरन स्मार्ट मीटर लगाने की कोशिश कर रहा है, जिससे ग्रामीण उपभोक्ताओं को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है.
विधायक ने डीएम से मिलकर यह मांग की कि ग्रामीणों पर दर्ज एफआईआर को तुरंत वापस लिया जाए और स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता को खत्म किया जाए. उन्होंने कहा कि यदि इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वे और उनके समर्थक सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन करेंगे. अजीत कुमार सिंह ने यह भी दावा किया कि स्मार्ट मीटर इतनी तेजी से चलते हैं कि वे आम लोगों के लिए असहनीय बोझ बन गए हैं.
बिजली कंपनी पर आरोप :
विधायक ने बिजली कंपनी के अधिकारियों पर तानाशाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कंपनी के कर्मचारी जबरन घरों में स्मार्ट मीटर लगा रहे हैं और अगर कोई इसका विरोध करता है तो पूरे गांव की बिजली काट दी जाती है. उन्होंने मुकुंदपुर गांव की घटना का भी उदाहरण दिया. विधायक ने कहा, "बिजली कंपनी ने ऐसे मीटर लगाए हैं, जो आम लोगों की हार्टबीट से भी तेज चलते हैं. उपभोक्ता भारी बिल भरने के लिए मजबूर हैं, जबकि उनके घरों में बिजली की खपत कम हो रही है."
प्रशासन की प्रतिक्रिया :
प्रदर्शन के दौरान जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. जिलाधिकारी ने विधायक और उनके समर्थकों से मुलाकात की और उनकी मांगों पर ध्यान दिया. डीएम ने मामले की जांच का आश्वासन दिया और कहा कि एफआईआर की समीक्षा की जाएगी. साथ ही स्मार्ट मीटर से जुड़ी समस्याओं को लेकर एक समिति गठित की जाएगी, जो इस मामले की गहराई से जांच करेगी और उचित कदम उठाएगी.
रामपुर गांव की इस घटना ने बिजली कंपनी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. ग्रामीणों और भाकपा माले के विरोध ने प्रशासन पर दबाव बनाया है. भले ही डीएम ने जांच का आश्वासन दिया हो, लेकिन जनता और माले कार्यकर्ता इसके ठोस समाधान की मांग कर रहे हैं. यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो यह विरोध और बड़ा रूप ले सकता है.
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