एम्बुलेंस चालकों ने फूंका मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य अधिकारियों का पुतला ..

चालकों का कहना है कि पिछले चार महीनों से वेतन न मिलने के कारण वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. साथ ही, उन्होंने पीएफ, ईएसआईसी, और एक वर्ष के एरियर का भुगतान भी मांगा है. चालकों ने कई बार डीपीसी और डीपीएम से संपर्क कर अपनी समस्याओं को हल कराने की कोशिश की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला.













- वेतन भुगतान में देरी व अन्य मांगों को लेकर जारी है हड़ताल
- स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित, मरीजों को हो रही है परेशानी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : 102 एम्बुलेंस चालकों द्वारा वेतन न मिलने और बकाया राशि के भुगतान में देरी के खिलाफ जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल के तहत बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया. हड़ताल 7 अक्टूबर से शुरू हुई है, जब उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया.

एम्बुलेंस सेवा से जुड़े चालकों का कहना है कि पिछले चार महीनों से वेतन न मिलने के कारण वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. साथ ही, उन्होंने पीएफ, ईएसआईसी, और एक वर्ष के एरियर का भुगतान भी मांगा है. चालकों ने कई बार डीपीसी और डीपीएम से संपर्क कर अपनी समस्याओं को हल कराने की कोशिश की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला.

स्वास्थ्य सेवाएं ठप, मरीज परेशान : 

हड़ताल के कारण जिले में एम्बुलेंस सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। चालकों का कहना है कि 7 अक्टूबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर ही हड़ताल की शुरुआत हुई थी. पहले भूख हड़ताल भी की गई थी, लेकिन सिविल सर्जन की पहल पर उसे समाप्त कर दिया गया था, जबकि मुख्य हड़ताल अब भी जारी है.

स्वास्थ्य समिति को ठहराया जिम्मेदार :

एम्बुलेंस चालकों ने चेतावनी दी है कि हड़ताल के दौरान अगर कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसके लिए स्वास्थ्य समिति बक्सर और एम्बुलेंस कंपनी जिम्मेदार होंगी, क्योंकि पूर्व में ही उनकी समस्याओं के समाधान का अनुरोध किया गया था.

इस धरने में प्रमुख तौर पर अध्यक्ष कृष्ण दत्त मिश्र, सचिव शैलेन्द्र, संतोष सिंह, उपाध्यक्ष सुदामा प्रसाद, गुलाम सरवर, सलीम, धीरज, रंजीत, मनोज सोनल, विजय, संजय, मनीष, रंजन, अमित कुमार, श्याम बिहारी, नीलेश सिंह, सुमेर सिंह, विश्राम कुमार, शत्रुघ्न, रिंकू सिंह, सुनील सिंह, नबाब, ध्रुव कुमार सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे.







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