नियाज़ीपुर में तीन दिवसीय महावीर पूजा : देश-विदेश के पहलवानों का जुटान ..

बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल खेलों को पुनर्जीवित करना है, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर और परम्पराओं को जीवित रखना भी है. बाहरी पहलवानों और खिलाड़ियों के लिए ठहरने और भोजन की समुचित व्यवस्था की गई है.












- मंगलवार को हुआ भव्य उद्घाटन
- 10 हज़ार से ज्यादा दर्शकों के जुटने का अनुमान

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले सिमरी प्रखंड के नियाज़ीपुर गांव में इस वर्ष शारदीय महावीर पूजा के  अवसर पर तीन दिवसीय आयोजन के दौरान देश-विदेश के नामी पहलवानों का बड़ा जमावड़ा होने जा रहा है. 15 से 17 अक्टूबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के साथ-साथ नेपाल के चर्चित पहलवान अपनी कुश्ती का प्रदर्शन करेंगे. इसका उद्घटान मंगलवार को अध्यक्ष एकराम जी पाठक, सचिव रविशंकर पाठक, मुख्य अतिथि मार्कण्डेय जी पाठक आदि ने फीता काटकर किया.

आयोजन के मुख्य आकर्षणों में बिहार केशरी और केशरी आनंद जैसे प्रतिष्ठित पहलवान शामिल होंगे, वहीं नेपाल के देवा थापा और हरियाणा के बाबा लड़ी भी दंगल में हिस्सा लेंगे. यह कार्यक्रम 1978 से निरंतर हो रहा है और इस बार भी इसकी भव्यता में कोई कमी नहीं होगी.

कार्यक्रम का शेड्यूल :

15 अक्टूबर : खेलकूद प्रतियोगिता, जिसमें लम्बी कूद, ऊँची कूद, गोला फेंक और विभिन्न दौड़ प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएंगी.

16 अक्टूबर : घोड़ा दौड़ प्रतियोगिता, जिसमें छोटे सरकार के नाम से प्रसिद्ध अनंत सिंह का घोड़ा भी शामिल होगा.

17 अक्टूबर : महावीर पूजा और विशाल दंगल, जिसमें महिला और पुरुष दोनों वर्गों के राष्ट्रीय स्तर के पहलवान अपनी कुश्ती कला का प्रदर्शन करेंगे.

आयोजन समिति के सदस्य मनोज पाठक ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल खेलों को पुनर्जीवित करना है, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर और परम्पराओं को जीवित रखना भी है. बाहरी पहलवानों और खिलाड़ियों के लिए ठहरने और भोजन की समुचित व्यवस्था की गई है.

हर साल की तरह इस वर्ष भी हजारों की संख्या में दर्शक जुटने की उम्मीद है. अनुमान लगाया जा रहा है कि 10 हजार से अधिक लोग इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनेंगे. कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन की ओर से भी पूरी तैयारी की गई है. उद्घाटन के मौके पर मनोज कुमार पाठक, जन्मेजय पाठक, परशुराम पाठक, हरेंद्र पाठक, बिहारी यादव, संजय पासवान, उमाशंकर राम आदि मौजूद रहे.







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