इस पुण्य अवसर पर आयोजित समष्टि भंडारे में हजारों संतों, भक्तों एवं श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. देश के विभिन्न भागों से आए श्रद्धालुओं ने इस अलौकिक नजारे का साक्षी बनने पर खुद को धन्य बताया.
- छठवें दिवस के कार्यक्रम में पुष्प वाटिका प्रसंग व भंडारे का हुआ आयोजन
- कल मटकोड़ के बाद निकलेगी भव्य शोभायात्रा
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : "जिया बसी रहूं पिया के नगरिया, मिथिला नगरिया ना .." और "एहो पथिकवर कहां तेरो शुभ घर, कहूं तेरो पिताजी के नाम धनुर्धरीयाँ .." जैसे मधुर पदों के गायन ने बक्सर की धरती पर मिथिला का आभास करा दिया. शुक्रवार को पुष्प वाटिका प्रसंग के मंचन से बक्सर की धरती पर मिथिलाधाम के साक्षात्कार कर श्रद्धालु धन्य हो गए. महर्षि खाकी बाबा सरकार की पुण्य स्मृति में आयोजित 55वें श्री सिय-पिय मिलन महोत्सव के षष्ठम दिवस श्री सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम, नया बाजार में श्री खाकी बाबा सरकार की पुण्यतिथि के अवसर पर पुष्प वाटिका प्रसंग का मंचन किया गया. जिसके बाद समिष्टि भंडारे में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया. आज मटकोड़ और शोभायात्रा निकाली जाएगी.
इससे पूर्व महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय स्थित श्री खाकी बाबा सरकार के समाधि स्थल पर पूजन-अर्चन किया गया तथा आश्रम स्थित श्रीराम-जानकी मंदिर में खाकी बाबा सरकार का पूजन एवं पुष्पार्चन के साथ-साथ डेढ़ क्विंटल पंचामृत से पादुका का अभिषेक किया गया. महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय में भी भंडारे का आयोजन किया गया.
इस पुण्य अवसर पर आयोजित समष्टि भंडारे में हजारों संतों, भक्तों एवं श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. देश के विभिन्न भागों से आए श्रद्धालुओं ने इस अलौकिक नजारे का साक्षी बनने पर खुद को धन्य बताया. कई लोगों ने बताया कि वह कई दशकों से यहां आते हैं. ऐसा लगता ही नहीं है कि साकेतवासी नेहनिधि मामा जी आज भी यहां विराजमान नहीं हैं, वह कण-कण में व्याप्त नजर आते हैं.
विवाह महोत्सव आश्रम में पुष्प वाटिका प्रसंग का मंचन किया गया. धनुष यज्ञ में भाग लेने के लिए प्रभु श्रीराम जी जब मिथिला प्रवास पर पहुंचते हैं, उस दौरान अपने गुरु महर्षि विश्वामित्र के पूजन के लिए पुष्प लाने हेतु राजा जनक के पुष्प वाटिका में पहुंचते हैं. जहां पर वाटिका के मालियों द्वारा प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण जी से हंसी-ठिठोली की जाती है, जिसका भव्य मंचन प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी आश्रम में किया गया.
इस अवसर पर मलूक पीठाधीश्वर श्री राजेन्द्र देवाचार्य जी महाराज, बसांव पीठाधीश्वर अच्युत प्रपन्नाचार्य, वृंदावन के महंत बनवारी दास जी महाराज, बृज बिहारी शरण जी महाराज, जनकपुर के मखाना बाबा, संगीता आचार्य, स्वामी बनवारीलाल शर्मा, श्यामाचरण दास, स्वामी फतेह कृष्ण शास्त्री समेत अनेक भक्त और संत उपस्थित थे.
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