वाहन शोरूम प्रबंधकों की गिरफ्तारी का आदेश

इसमें आरोप लगाया गया था कि उन्हें वीएस-6 की जगह वीएस-4 मॉडल का चार पहिया वाहन बेचा गया. चूंकि सरकार ने इस मॉडल पर रोक लगा दी थी, इसलिए वाहन का रजिस्ट्रेशन संभव नहीं हो सका.











                                           

- उपभोक्ता आयोग ने जारी किया गया गैर-जमानतीय वारंट
- वाहनों की बिक्री में गड़बड़ी पर हुई कार्रवाई

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिला उपभोक्ता आयोग ने डीबीएस ऑटोमोबाइल्स गोलंबर बक्सर और डीबीएस ऑटोमोबाइल्स सासाराम के प्रबंधकों के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी किया है. यह वारंट उपभोक्ता आयोग के आदेश की अवहेलना के चलते जारी किया गया.

परिवादियों के अधिवक्ता विष्णुदत्त द्विवेदी ने बताया कि बक्सर नेहरू नगर की निवासी आशा श्रीवास्तव और किसलय कुमार ने परिवाद दाखिल किया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि उन्हें वीएस-6 की जगह वीएस-4 मॉडल का चार पहिया वाहन बेचा गया. चूंकि सरकार ने इस मॉडल पर रोक लगा दी थी, इसलिए वाहन का रजिस्ट्रेशन संभव नहीं हो सका.

जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनवाई के दौरान पाया कि विपक्षियों द्वारा सेवा में गंभीर त्रुटि की गई. इसके चलते आयोग ने आदेश दिया कि परिवादियों को नया चार पहिया वाहन और 85 हज़ार रुपये बतौर क्षतिपूर्ति दिए जाएं. आदेश का पालन दो महीने के भीतर करना था, लेकिन विपक्षियों ने इसका अनुपालन नहीं किया.

14 अगस्त को उपभोक्ता आयोग ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जमानतीय वारंट जारी किया था. इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश नहीं किया.

बुधवार को सेवा निवृत्त न्यायाधीश सह अध्यक्ष वेद प्रकाश सिंह और सदस्य राजीव सिंह की खंडपीठ ने इसे गंभीरता से लिया. आयोग ने विपक्षियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए नॉन बेलेबल वारंट जारी कर दिया.











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