इटाढ़ी में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन

कहा कि दुख में ही गोविन्द का दर्शन होता है और जीवन के अंतिम समय में भीष्म पितामह द्वारा भगवान गोपाल का दर्शन अद्भुत था. कथा में भगवान श्री शुकदेव द्वारा परीक्षित को श्राप से मुक्ति दिलाने की कथा भी भावपूर्ण तरीके से सुनाई गई.











                                           

- विशाल भंडारे में श्रद्धालुओं ने किया प्रसाद ग्रहण
- कथा व्यास आचार्य रणधीर ओझा ने दिया महत्वपूर्ण व्याख्यान

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले के इटाढ़ी के श्रीमद्भागवत कथा कार्यक्रम का समापन गुरुवार को विशाल भंडारे के साथ हुआ. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन पूजन संपन्न हुआ. भंडारे की शुरुआत कथा व्यास आचार्य रणधीर ओझा जी की उपस्थिति में की गई, जिन्होंने भागवत पुराण के महत्व और संदेश पर प्रकाश डाला.

आचार्य रणधीर ओझा जी ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने वाले व्यक्ति को कृष्ण की शुद्ध प्रेमपूर्ण भक्ति प्राप्त होती है. उन्होंने आगे कहा कि भागवत पुराण में भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और त्याग का संदेश दिया गया है, जो जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लेकर आता है. आचार्य जी ने विशेष रूप से भागवत के छह प्रश्न, निष्काम भक्ति, श्री नारद जी के पूर्व जन्म और परीक्षित के जीवन के बारे में विस्तार से बताया.

उन्होंने यह भी कहा कि दुख में ही गोविन्द का दर्शन होता है और जीवन के अंतिम समय में भीष्म पितामह द्वारा भगवान गोपाल का दर्शन अद्भुत था. कथा में भगवान श्री शुकदेव द्वारा परीक्षित को श्राप से मुक्ति दिलाने की कथा भी भावपूर्ण तरीके से सुनाई गई.

कार्यक्रम में श्याम बिहारी पाठक, पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला, विधायक विश्वनाथ राम, चेयरमैन संजय पाठक, मनोज त्रिगुण, ब्रजेश पाठक, कीर्तन पाठक, सतपाल पाठक, राजेन्द्र पाठक, जितेंद्र पाठक, धर्मेन्द्र पाठक, राघवेंद्र पाठक, मनभरन पाठक, राममूर्ति पाठक, राहुल पाठक, सोनल पाठक, दीपू पाठक समेत अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे.

इस सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ने सभी को भक्ति, ज्ञान और त्याग की महिमा का अहसास कराया और श्रद्धालुओं को जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति का मार्ग दिखाया.








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