प्लेटफार्म नंबर तीन पर खड़ी कुंभ स्पेशल ट्रेन के कोच एम.के-60 में कपड़े में लिपटा एक संदिग्ध पैकेट दिखाई दिया. संदेह होने पर आरपीएफ कर्मियों ने जब कपड़ा हटाया तो उसमें एक नवजात बच्ची जीवित अवस्था में मिली.
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- प्लेटफार्म नंबर तीन पर संदिग्ध पैकेट में मिली बच्ची
- आरपीएफ ने सुरक्षित निकालकर चाइल्डलाइन को सौंपी बच्ची
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : रेलवे स्टेशन पर कुंभ स्पेशल ट्रेन के एक कोच में लावारिस हालत में एक नवजात बच्ची मिलने से सनसनी फैल गई. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की टीम ने तत्परता दिखाते हुए बच्ची को सुरक्षित निकालकर इलाज के लिए अस्पताल भेजा. डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची का जन्म महज कुछ घंटे पहले ही हुआ था और वह प्रीमेच्योर अवस्था में थी.
घटना 10 फरवरी की रात करीब 9:30 बजे की है जब रेलवे सुरक्षा बल के निरीक्षक प्रभारी दीपक कुमार के निर्देशन में सब इंस्पेक्टर विजेंद्र मुवाल, सहायक उप निरीक्षक रमेश कुमार सिंह और प्रधान आरक्षी सियारमन प्रसाद स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित कर रहे थे. इसी दौरान प्लेटफार्म नंबर तीन पर खड़ी कुंभ स्पेशल ट्रेन के कोच एम.के-60 में कपड़े में लिपटा एक संदिग्ध पैकेट दिखाई दिया. संदेह होने पर आरपीएफ कर्मियों ने जब कपड़ा हटाया तो उसमें एक नवजात बच्ची जीवित अवस्था में मिली.
आरपीएफ टीम ने तुरंत रेलवे के चिकित्सक डॉक्टर हरिओम पाठक को बुलाया. डॉक्टर ने बच्ची की जांच कर बताया कि उसका जन्म तीन से चार घंटे पहले हुआ है और यह प्रीमेच्योर डिलीवरी प्रतीत होती है. ऐसा अनुमान है कि बच्ची को किसी ने जानबूझकर ट्रेन में छोड़ दिया था. मामले की सूचना रेलवे चाइल्डलाइन बक्सर को दी गई, जिसके प्रतिनिधियों के आने पर प्रधान आरक्षी सियारमन प्रसाद की देखरेख में बच्ची को उनके सुपुर्द कर दिया गया.
इसके बाद बच्ची को इलाज के लिए सदर अस्पताल बक्सर भेजा गया, जहां डॉक्टर हरिओम पाठक ने उसकी जांच की. बच्ची को लगभग दो घंटे तक विशेष निगरानी में रखा गया, जिसके बाद उसकी स्थिति में सुधार देखा गया. प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को रेलवे सुरक्षा बल के ऑपरेशन "नन्हे फरिश्ते" के तहत चाइल्डलाइन बक्सर को सौंप दिया गया.
फिलहाल पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि बच्ची को ट्रेन में किसने और क्यों छोड़ा. रेलवे सुरक्षा बल मामले की छानबीन में जुटा है ताकि बच्ची को छोड़ने वाले व्यक्ति का पता लगाया जा सके.
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