बक्सर और चौसा गढ़ से प्राप्त टेराकोटा मृण्मूर्तियों को देखकर वे आश्चर्यचकित हुईं. उन्होंने कहा कि इन पर गंभीर शोध किए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने संग्रहालय प्रभारी से मूर्तियों के संरक्षण और सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की.
- बक्सर की विरासत पर शोध करने संग्रहालय पहुंचीं लंदन की डॉ. रुमा बोस
- पुरावशेषों के अध्ययन के लिए किया दौरा, बिहार की प्राचीन मूर्तियों पर कर रही हैं शोध
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर के सीताराम उपाध्याय संग्रहालय में रविवार को ब्रिटेन की प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. रुमा बोस ने दौरा किया. संग्रहालय के अध्यक्ष डॉ. शिव कुमार मिश्र के अनुसार, डॉ. बोस ने यहां रखी प्राचीन मूर्तियों और टेराकोटा मृण्मूर्तियों का अध्ययन किया. उन्होंने बिहार के विभिन्न देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियों पर शोध किया है और उनकी पुस्तक जल्द ही प्रकाशित होने वाली है.
डॉ. बोस पहले भी सुल्तानगंज, भागलपुर से देवघर जाने वाली कांवर यात्रा पर शोध कर चुकी हैं, जिसका शोधग्रंथ प्रकाशित हो चुका है. बक्सर और चौसा गढ़ से प्राप्त टेराकोटा मृण्मूर्तियों को देखकर वे आश्चर्यचकित हुईं. उन्होंने कहा कि इन पर गंभीर शोध किए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने संग्रहालय प्रभारी से मूर्तियों के संरक्षण और सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की.
डॉ. शिव कुमार मिश्र ने उन्हें प्राचीन मूर्तियों और अन्य विरासत के संरक्षण में आ रही चुनौतियों और उनके समाधान पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि धरोहर संरक्षण के लिए आम लोगों में जागरूकता फैलाने की जरूरत है, और इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. संग्रहालय की प्रस्तर प्रतिमाओं और टेराकोटा मृण्मूर्तियों की विशेषताओं पर भी चर्चा की गई.
इसके अलावा, दुर्लभ प्रतिमाओं को प्रदर्शित करने की योजना पर भी विचार-विमर्श किया गया. डॉ. मिश्र ने डॉ. बोस को सुल्तानगंज, भागलपुर, बिहारशरीफ, नवादा, दरभंगा आदि के संग्रहालयों से संबंधित अपनी पुस्तकें और "मिथिला भारती" नामक शोध पत्रिका भेंट की.
इस अवसर पर एम. पी. हाई स्कूल के सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. विजय शंकर मिश्र, अनिकेत कुमार, रामरूप ठाकुर, मोहम्मद आशिक, अभिनंदन कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
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