बताया कि यह परियोजना हमारे लिए गर्व की बात है. निर्माण कार्य के दौरान कई बाधाएं आईं, जैसे कोरोना महामारी, लंबा किसान आंदोलन, तकनीकी दिक्कतें और पर्यावरणीय अनुमतियों की जटिलताएं. लेकिन इन सभी चुनौतियों को पार करते हुए आज हम उत्पादन की स्थिति तक पहुंचे हैं.
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उद्घाटन करते प्रधानमंत्री साथ में राज्यपाल बाएं एवं मुख्यमंत्री दाएं |
- प्रधानमंत्री मोदी ने गयाजी से वर्चुअल तरीके से किया उद्घाटन, 13 हजार करोड़ की योजनाओं का मिला तोहफा
- दिसंबर तक शुरू होगी दूसरी यूनिट, उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में आएगा बदलाव
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार को ऊर्जा के क्षेत्र में नई पहचान देने वाला बहुप्रतीक्षित बक्सर थर्मल पावर प्लांट आखिरकार शुरू हो गया. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गयाजी स्थित मगध विश्वविद्यालय परिसर से रिमोट दबाकर वर्चुअल तरीके से इस परियोजना की पहली यूनिट का उद्घाटन किया. इसी मौके पर उन्होंने 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक की अन्य विकास योजनाओं का भी लोकार्पण और शिलान्यास किया. इनमें रेल, सड़क, स्वास्थ्य, आवास और जिला आपूर्ति विभाग से जुड़ी कई बड़ी परियोजनाएं शामिल हैं. इस अवसर पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच पर मौजूद रहे.
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कार्यक्रम में मौजूद डीएम, एसडीएम तथा एसटीपीएल के अधिकारी |
बक्सर जिला मुख्यालय से करीब 14 किलोमीटर दूर चौसा में स्थापित यह थर्मल पावर प्लांट सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी एसटीपीएल द्वारा बनाया गया है. इसकी क्षमता 1320 मेगावाट है, जिसमें दो यूनिटें शामिल हैं.
पीएम ने कहा - राजद और कांग्रेस की सरकारों को नहीं था विकास से मतलब
प्रधानमंत्री मोदी ने इसे बिहार के विकास का मील का पत्थर बताते हुए कहा कि राज्य की ऊर्जा जरूरतें अब अधिक सुगमता से पूरी होंगी. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस जब सत्ता में थे तो उन्हें विकास से कोई मतलब नहीं था, वह केवल सत्ता सुख पाने की कोशिश में लगे रहते थे.
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कार्यक्रम में मौजूद नगर पंचायत की अध्यक्ष किरण देवी व अन्य |
मुख्यमंत्री ने बताया डबल इंजन की उपलब्धि
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि डबल इंजन की सरकार की वजह से ही बिहार में बड़े स्तर पर विकास कार्य हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस पावर प्लांट से सम्पूर्ण बिहार को लाभ मिलेगा. इससे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को भी सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली मिल सकेगी.
विधायक ने बताया यूपीए सरकार की उपलब्धि
बक्सर सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने अपने बयान में कहा कि इस परियोजना को लाने का श्रेय यूपीए सरकार और इंडिया गठबंधन के नेताओं को भी जाता है. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और पूर्व सांसद जगदानंद सिंह का नाम लेते हुए कहा कि उनकी पहल के कारण ही आज यह सपना साकार हुआ है. उन्होंने कहा कि इस पावर प्लांट से बक्सर का चौमुखी विकास सुनिश्चित होगा और स्थानीय व्यापारियों, मजदूरों और किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा.
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एसटीपीएल के अधिकारी एवं कर्मचारी |
कमिश्निंग टीम की मेहनत और चुनौतियां
कमिश्निंग इंचार्ज पुलक मुखर्जी ने बताया कि यह परियोजना हमारे लिए गर्व की बात है. निर्माण कार्य के दौरान कई बाधाएं आईं, जैसे कोरोना महामारी, लंबा किसान आंदोलन, तकनीकी दिक्कतें और पर्यावरणीय अनुमतियों की जटिलताएं. लेकिन इन सभी चुनौतियों को पार करते हुए आज हम उत्पादन की स्थिति तक पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि फिलहाल पटना जिले के नौबतपुर पावर सबस्टेशन, कर्मनाशा और डेहरी ऑन सोन को बिजली दी जा रही है. दिसंबर तक दूसरी यूनिट भी शुरू हो जाएगी जिससे 1320 मेगावाट उत्पादन क्षमता पूरी हो जाएगी.
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थर्मल पावर प्लांट की चिमनी से निकलता धुआं |
स्थानीय लोगों को उम्मीदें
मुखर्जी ने कहा कि हालांकि बिजली सीधे ग्रिड में जाएगी, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से इसका फायदा स्थानीय लोगों को भी मिलेगा. उद्योगों के आने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और सीएसआर फंड के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर काम होगा. उन्होंने बताया कि कंपनी जल्द ही बड़े स्तर पर पौधरोपण अभियान भी शुरू करेगी जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा.
तकनीकी दृष्टि से अत्याधुनिक
अधिकारी के अनुसार यह पावर प्लांट सुपर क्रिटिकल तकनीक से निर्मित है, जो पर्यावरण की दृष्टि से अधिक सुरक्षित और ऊर्जा की दृष्टि से ज्यादा कुशल है. इसे चलाने के लिए केवल मेहनत ही नहीं, बल्कि तकनीकी ज्ञान भी आवश्यक है. इसी वजह से कई लोग काम छोड़कर चले गए, क्योंकि यहां हाइटेक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है. फिलहाल कंपनी सक्षम कर्मचारियों की भर्ती में लगी हुई है.
परियोजना की लागत और विलंब
शुरुआत में इस परियोजना की लागत 10,439 करोड़ रुपये तय हुई थी, लेकिन कई कारणों से यह बढ़कर 14,390 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. 2023 में ही पहली यूनिट शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन कोरोना और किसान आंदोलन की वजह से इसमें लगातार देरी होती रही. अब सभी अधूरी तैयारियां जैसे वाटर पाइपलाइन और कोल यार्ड का काम पूरा कर लिया गया है.
प्रशासन और प्रबंधन की उपस्थिति
उद्घाटन समारोह में जिलाधिकारी विद्यानंद सिंह ने भी भाग लिया और इसे बक्सर के लिए बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि पावर प्लांट की वजह से जिले की पहचान अब राष्ट्रीय स्तर पर होगी. मंच संचालन एजेवीएन के वरिष्ठ प्रबंधक मितेश यादव ने किया. कार्यक्रम में चौसा नगर पंचायत अध्यक्ष किरण देवी, पूर्व जिप सदस्य डॉ मनोज यादव, पूर्व जिप सदस्य बसंती देवी के साथ ही एसटीपीएल की रश्मि कुज्जू, संजीव कुमार, प्रदीप कुमार और अनवर सहित कई अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे.
विकास का नया अध्याय
बिजली को किसी भी देश के विकास का सूचक माना जाता है. बिहार में बिजली उत्पादन की क्षमता लगातार बढ़ रही है, जिससे राज्य के औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि बक्सर पावर प्लांट की शुरुआत केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य को रोशन करने वाला अध्याय है. इससे ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं को बिजली की बेहतर उपलब्धता होगी और बिहार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा.
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