चार अभियुक्तों को अदालत ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. फैसले में अदालत ने हत्या, साजिश, आर्म्स एक्ट और गंभीर चोट पहुंचाने की धाराओं में सजा दी है. अदालत ने कहा कि यह मामला रेयर ऑफ रेयर की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए सजा में उदारता बरती गई.
- अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय, बक्सर की अदालत का फैसला
- अन्य तीन अभियुक्तों को भी सश्रम कारावास व जुर्माने की सजा
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : लगभग नौ साल पुराने हत्या के एक मामले में जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि रिंकू यादव सहित चार अभियुक्तों को अदालत ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. फैसले में अदालत ने हत्या, साजिश, आर्म्स एक्ट और गंभीर चोट पहुंचाने की धाराओं में सजा दी है. अदालत ने कहा कि यह मामला रेयर ऑफ रेयर की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए सजा में उदारता बरती गई.
अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय मनीष कुमार शुक्ला की अदालत ने इस प्रकरण में अभियुक्त रिंकू यादव, अजय कुमार पांडेय, चतुरी भर और जयराम पासवान को धारा 302 के तहत उम्रकैद तथा एक-एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना नहीं देने पर छह माह का साधारण कारावास भुगतना होगा. इसके अलावा धारा 326 में दस वर्ष का सश्रम कारावास व 50 हजार रुपये जुर्माना तथा आर्म्स एक्ट की धारा 27 में चार वर्ष का सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
पूरी सजा में से घटाई जाएगी जेल में बिताई गई सजा की अवधि :
अदालत ने विचारण अवधि में कारा में बिताई गई सजा की अवधि को धारा 428 दं.प्र.सं. के तहत समायोजित करने का भी निर्देश दिया. रिकॉर्ड के अनुसार दोषियों द्वारा पहले अलग-अलग अवधि जेल में बिताई गई थी — रिंकू यादव 3 माह, अजय पांडेय 3 माह 19 दिन, चतुरी भर 1 वर्ष 1 माह 11 दिन और जयराम पासवान 4 माह 11 दिन.
रुपयों के लेन-देन का था मामला :
मामला बक्सर नगर थाना कांड संख्या 382/2016 से जुड़ा है, जिसमें वर्ष 2016 में हुए भूमि कारोबार विवाद के बाद एक हरेंद्र सिंह नामक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मृतक की पत्नी इंदू सिंह के फर्दबयान पर यह मामला दर्ज हुआ था, जिसमें जमीन की खरीद-बिक्री में रुपये को लेकर विवाद और रकम की अदायगी को लेकर तनाव का उल्लेख किया गया था. घटना के बाद पुलिस जांच और गवाहों के बयान के आधार पर मामले में आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया तथा मामला सत्र न्यायालय में चला.
पीड़ितों को मुआवजा देने की भी सिफारिश :
विचारण के दौरान दस अभियोजन गवाहों की गवाही पर अदालत ने आरोपों को प्रमाणित मानते हुए सभी चार अभियुक्तों को दोषी करार दिया. अदालत ने पीड़ित पक्ष — सूचिका इंदू सिंह और उसके बच्चों — को मुआवजा दिलाने की सिफारिश भी की है. इसके लिए आदेश की प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजी गई है.






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